मुस्लिम बहुल इलाकों में बची कांग्रेस की लाज, 7 सीटों पर जीते मुस्लिम उम्मीदवार

-अबुल फजल वार्ड से पूर्व कांग्रेस एमएलए आसिफ मोहम्मद खान की बेटी अरीबा खान ने दर्ज की जीत

आसिफ़ खान
नई दिल्ली। बुधवार को आए निगम चुनावों में कांग्रेस का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। कांग्रेस को एमसीडी में उन्हीं सीटों पर जीत मिली, जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। जिसमें बृजपुरी से नाज़िया खातून, मुस्तफाबाद से सबिला बेगम, कबीर नगर से ज़रीफ़,शास्त्री पार्क से समीर अहमद, चौहान बांगर से शगुफ्ता चौधरी ज़ुबैर, ज़ाकिर नगर से नाज़िया दानिश, अबुल फजल से अरीबा खान ने जीत दर्ज की है। अरीबा खान ओखला से कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी हैं।

पार्टी ने इस बार दो दर्जन मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए थे। दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि आज कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी को संगठन मजबूत करने के साथ साथ नए सिरे से तैयार होने की जरूरत है। सभी को एक साथ मिलकर मैदान में उतरना होगा तभी चुनावों में जीत हासिल हो पाएंगी। कांग्रेस को भाजपा और आप से लडऩे के लिए दोबारा से जमीन पर उतर कर काम करना होगा। आज लोग कांग्रेस की तरफ देखना चाहते हैं, लेकिन सबसे पहले हमें कांग्रेस को ठीक करना होगा। जानकारी के अनुसार, दिल्ली की राजनीति में करीब 12 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं। 70 विधानसभा वाली दिल्ली में 8 विधानसभा और 250 में से 50 सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। राजधानी की बल्लीमारान, सीलमपुर, ओखला, मुस्तफाबाद, चांदनी चौक, मटिया महल, बाबरपुर, दिलशाद गार्डन और किराड़ी मुस्लिम बहुल इलाके हैं। इन क्षेत्रों की पार्षद सीटों पर 40 से 90 फीसद तक मुस्लिम मतदाता हैं। इसके अलावा त्रिलोकपुरी और सीमापुरी इलाके में भी मुस्लिम मतदाता अच्छी खासी संख्या में हैं। एमसीडी के कुल 250 वार्डों में से कांग्रेस ने 26 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे। जबकि आप ने दिल्ली की 13 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं।
वहीं, भाजपा ने दिल्ली की चार सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार पर भरोसा जताया है, चारों ही सीटों पर भाजपा ने पसमांदा समुदाय से आने वालों को मौका दिया। भाजपा ने एमसीडी की जिन चार सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे, उन्हीं सीटों पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम ने भी मुस्लिम प्रत्याशी उतारे। जबकि अस्ससुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने कुल 16 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से 14 मुस्लिम और दो दलित समुदाय से थे। एमसीडी की 9 सीटों पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम के मुस्लिम नेताओं के बीच कड़ी टक्कर थी। जबकि भाजपा की तरफ से हिंदू समुदाय के नेता मैदान में थे। वहीं 13 सीटों पर कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार की आम आदमी पार्टी और भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हिंदू समुदाय के नेताओं से टक्कर रही।
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