आसिफ खान
नई दिल्ली। दिल्ली आरोग्य कोष से पिछले पांच साल में 4.27 लाख से अधिक मरीजों का इलाज हुई। इस इलाज के लिए दिल्ली सरकार ने 168.43 करोड़ रुपए खर्च किए। आरोग्य कोष में 4 प्रकार की योजनाएं शामिल है। इसमें मरीजों को मेडिकल इम्प्लांट, विभिन्न प्रकार की सर्जरी, 136 तरह के विभिन्न मेडिकल टेस्ट और प्राइवेट अस्पतालों में सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है। शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने दावा किया कि दिल्लीवालों के इलाज में पैसों की कमी नहीं आएगी। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को अधिक से अधिक लोगों तक आरोग्य कोष योजना का लाभ पहुंचाने के लिए सुविधाओं को ज्यादा बेहतर व आसान बनाने के निर्देश दिए।
बॉक्स
निजी अस्पताल में मिलती है निशुल्क सुविधा
मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली में यदि किसी मरीज को सरकारी अस्पताल में वेटिंग मिलती है और जरूरत है तो वह प्राइवेट अस्पताल में जाकर अपना कैशलेस जांच व इलाज करवा सकता है। इसमें आने वाले खर्चे का वहन सरकार द्वारा किया जाएगा। दिल्ली आरोग्य कोष की इस स्कीम के तहत यदि कोई मरीज दिल्ली सरकार के अस्पतालों में इलाज के लिए जाता है और वहां उसे सर्जरी करवानी है तथा इसमें मरीज को 30 दिन से ज्यादा का वेटिंग समय मिल रहा है। और तुरंत सर्जरी होना जरुरी है तो जरुरी तो केजरीवाल सरकार की ‘फ्री सर्जरी स्कीम’ के तहत मरीज प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त सर्जरी करवा सकते है।
बॉक्स
हुई हजारों सर्जरी
मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले 5 सालों में 11,669 लोग फ्री व कैशलेस सर्जरी का लाभ उठाया। सरकार ने इसके लिए 24.37 करोड़ रूपये दिए है। दिल्ली आरोग्य कोष के अंतर्गत इस स्कीम में ‘फ़रिश्ते योजना’भी शामिल है। इसके तहत सड़क दुर्घटना, आग में झुलसने जैसी दुर्घटनाओं के पीड़ित व्यक्ति को सरकारी अस्पताल में फ्री इलाज तो मिलता ही है। पिछले 3 सालों में केजरीवाल सरकार की इस योजना का 18,919 लोग लाभ उठा चुके है और इससे तुरंत इलाज मिलने से हजारों जाने बची है। सरकार ने इसके लिए 28.11 करोड़ रूपये दिए है।

Perfect Khabar is a Leading Hindi News Paper and web portal,.It's Publish From Delhi