नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्तर पर समाज में अनसुने लेकिन प्रभावशाली कार्य करने वाले नायकों को समर्पित एक भव्य सम्मान समारोह भारत रत्न गौरव सम्मान 2025 का आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा मंच द्वारा 2025 कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में किया गया। इस विशेष अवसर पर मंच की प्रेरणादायक पत्रिका अनकही कहानियाँ – कक्षा से परे के प्रथम संस्करण का भी भव्य लोकार्पण किया गया।
इस आयोजन का उद्देश्य ऐसे व्यक्तित्वों को सम्मानित करना था, जिन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है, लेकिन जिनके कार्य अभी तक व्यापक पहचान से वंचित रहे हैं। भारत रत्न गौरव सम्मान उन गुमनाम नायकों को एक मंच प्रदान करता है, जो अपने निःस्वार्थ और समर्पित प्रयासों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं।
समारोह की शोभा बढ़ाई मुख्य अतिथि आईएएस ज्योति कालास ने, जिनकी गरिमामयी उपस्थिति ने पूरे कार्यक्रम को एक नई ऊंचाई प्रदान की। श्री कालास ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में इन नायकों के योगदान को सराहा और समाज में उनके प्रभाव की प्रशंसा की।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. गीतांजलि मुखर्जी, संयुक्त सचिव, राष्ट्रीय शिक्षा मंच द्वारा किया गया, जिन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों, सम्मानित व्यक्तियों एवं उपस्थितजनों का हृदय से स्वागत किया।
इस अवसर पर मंच की विशेष पहल, प्रेरणात्मक पत्रिका अनकही कहानियाँ – कक्षा से परे” का पहला संस्करण लॉन्च किया गया। यह पत्रिका उन शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और परिवर्तनकारी व्यक्तियों की सच्ची कहानियाँ प्रस्तुत करती है, जो शिक्षा की दुनिया से परे जाकर समाज में अमिट छाप छोड़ रहे हैं। इन कहानियों के माध्यम से मंच का उद्देश्य है उन प्रयासों को जन-जन तक पहुंचाना जो सामान्यतः ध्यान से अछूते रह जाते हैं।
इस समारोह से एक दिन पूर्व, इसी स्थान पर मंच के राज्य एवं जिला समन्वयकों की विशेष बोर्ड बैठक भी आयोजित की गई। इस बैठक में मंच की आगामी कार्ययोजना पर विचार-विमर्श किया गया। चर्चा के मुख्य बिंदु थे – व्यापक स्तर पर जनसंपर्क बढ़ाना, जमीनी स्तर पर शिक्षा को सशक्त बनाना, एवं नवाचार के साथ शैक्षिक कार्यक्रमों को लागू करना।
इस गरिमामयी आयोजन में कई विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें प्रमुख रूप से मंगलम कुमार, एनडीआरएफ ट्रेनर, अंजनी ओझा समाज सेवा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कार्यकर्ता , नवजत सिंह रावत, संस्थापक प्राचार्य, आईएएस पटना शामिल थे।
इन महानुभावों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा को और भी बढ़ा दिया एवं विविध क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोगों के योगदान को रेखांकित किया।
राष्ट्रीय शिक्षा मंच निरंतर उन अनदेखे परिवर्तनकारियों की पहचान और उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो चुपचाप समाज में बदलाव की लहर ला रहे हैं। भारत रत्न गौरव सम्मान और अनकही कहानियाँ का प्रकाशन इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक सशक्त पहल है, जो प्रेरणा, पहचान और सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।