दिल्ली नगर निगम की बैठक में कांग्रेस ने साधा आप-भाजपा पर निशाना

--नेता कांग्रेस दल नाज़िया दानिश ने कहा निगम सदन की प्रत्येक बैठक मजाक बन गई है

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की सोमवार को हुई बजट बैठक में नेता विपक्ष कांग्रेस दल नाज़िया दानिश ने संशोधित बजट अनुमान 2024-25 और बजट अनुमान 2025-26 पर अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने निगम की सत्ता पर काबिज़ आम आदमी पार्टी और निगम में विपक्ष की भूमिका निभा रही भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि निगम सभा गवाह है दिनांक 8 फरवरी, 2024 को आम आदमी पार्टी के नेता-सदन के अभिभाषण की बैठक तक को भाजपा के पार्षदों ने हंगामे की भेंट चढ़ा दी और वहीं नजारा द्वितीय वर्ष बजट प्रस्तुत करते समय नेता-विपक्ष जी के अभिभाषण के समय दिखा, पर अफसोस सत्ता पक्ष माननीय महापौर, उप-महापौर व नेता-सदन को इस तरह का बर्ताव सदन के भीतर शोभा नहीं देता।
निगम परम्परा के अनुसार नेता-विपक्ष से पूर्व बजट अनुमानों पर अपनी प्रतिक्रिया का अधिकार स्थायी समिति के अध्यक्ष को प्राप्त होता है। लगातार दूसरे वर्ष के बाद भी सत्ता पक्ष डी.एम.सी. एक्ट का पालन करने में परिस्थितियों का रोना रोती है।
अफसोस नेता विपक्ष ने सदन में बजट प्रस्तावों पर चर्चा की और अपने विद्वान्तापूर्ण विचार और सुझाव रखे जो महज एक खानापूर्ति की गई।
उन्होंने कहा हम सभी को बखूबी मालूम है कि निगम के एकीकरण के बाद से निगम सदन की प्रत्येक बैठक मजाक बन गई है, स्वयं पार्षदों, अधिकारियों, मीडिया व जनता के बीच हमेशा एक अस्मंजस बना रहता है कि क्या आज सदन चलेगा? निगम के पहले वर्ष महापौर व उप-महापौर का चुनाव हो, आम आदमी पार्टी द्वारा गणतन्त्र दिवस के अवसर पर भव्य लंच हो, वर्ष 2023-24 बजट अनुमानों की बजट विशेष सभा में नेता-सदन के बजट अभिभाषण पर हंगामा, महिला पार्षदों पर भद्दी टिप्पणियां, वार्ड समितियों का चुनाव, पार्षदों का दल बदलना, दिल्ली नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर की अध्यक्षता में स्थायी समिति का चुनाव होना, जिसमें सत्ता पक्ष द्वारा माननीय एल.जी. के ओदशों का विरोध करते हुए चुनाव का बहिष्कार करना, प्रदूषण, आम आदमी पार्टी की डबल इंजन की सरकार रहते एम.सी.डी. व पी.डब्ल्यू.डी. नालों की सफाई का न होना, यमुना की सफाई, बाढ़ विशेषतः छठ पूजा के लिये घाटो की सफाई ना होना शामिल है।
डबल इंजन सरकार ने बंद की निगम की 11 स्कीमें
दानिश ने दिल्ली नगर निगम की 11 स्कीमें बंद करने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना रहा कि सरकार ने वर्ष 2019-20 के दौरान 202.40 करोड रुपये देकर शहरीकृत गांव, अनाधिकृत कॉलोनियों, पुनर्वास कॉलोनियों, बागवानी एवं पार्क, सामुदायिक भवन, धोबी घाट, नरेला नजफगढ़, महरौली टाउनशिप योजनाओं को बंद कर दिया है। इसी तरह से ट्रांसपोर्ट सेक्टर में 110 करोड़ रुपये की योजनाओं के बंद से दिल्ली को नुकसान उठाना पडा। स्वास्थ्य योजना में डबल इंजन सरकार ने बेहद कम राशि जारी की है। इसी तरह से गैर योजना मद एजुकेशन में 1400 करोड़ की ग्रांट नहीं दी गई। पुनर्वास कॉलोनियों के रखरखाव के लिए केजरीवाल सरकार ने राशि जारी नहीं की।
Leave A Reply

Your email address will not be published.