औषधीय पौधों की खेती एवं विपणन पर सेमिनार का आयोजन

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के नजफगढ़ स्थित चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान में शनिवार को एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा एवं राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के सौजन्य से युवा किसानों एवं ग्रामीण महिलाओं के लिए औषधीय पौधों की खेती, कटाई उपरांत प्रबंधन, मूल्य संवर्धन एवं विपणन विषय एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में आस-पास के गांवों से 100 से अधिक किसान और ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया। संस्थान के डायरेक्टर-प्रिंसिपल प्रोफेसर (डॉ.) एम बी गौड़ ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह सेमिनार औषधीय पौधों के महत्व और उनके उपयोग को समझने, उनके संरक्षण और प्रबंधन के बारे में जागरूकता फैलाने एवं हमारे समाज को स्वस्थ बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। डॉ. राकेश कुमार, कृषि विज्ञानं केंद्र, उजवा ने स्वागत भाषण दिया उन्होंने कहा कि भविष्य में औषधीय पौधों की खेती किसानों के लिए आय का अच्छा साधन होगा।। डॉ. नीतू सिंह, प्रभारी अधिकारी, एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा ने एमिटी विश्वविद्यालय के उद्देश्यों और परियोजनाओं का संक्षिप्त परिचय दिया तत्पश्चात डॉ. कविता त्यागी, वरिष्ठ सलाहकार एवं गिरीश, सलाहकार, राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड ने औषधीय पौधों के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। संस्थान के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) डॉ. योगेश कुमार पांडेय ने कहा कि चिकित्सक, किसान और व्यापारी इन तीनों के सामंजस्य से ही किसानों को औषधीय पौधों की खेती का पूर्ण लाभ मिल पायेगा। तकनीकी सत्र में डॉ. सुमेर सिंह, चिकित्सालय अधीक्षक ने ऐलोवेरा, अश्वगंधा, शतावरी, कालमेघ और गिलोय जैसे औषधीय पौधों की कटाई के बाद उनके प्रबंधन और भंडारण पर जानकारी दी। इसके बाद डॉ. सुभाष साहू, एसोसिएट प्रोफेसर ने व्यावसायीकरण के लिए प्रसंस्करण तकनीकों पर चर्चा की। डॉ. अंजना, सहायक प्रोफेसर ने औषधीय पौधों से उत्पाद विकास और नवाचारों की जानकारी साझा की।

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