मोदी सरकार में खेतिहर मजदूर और श्रमिकों की हालत खराब: कांग्रेस

 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार में खेतिहर मजदूर और श्रमिकों की हालत खराब है। इसलिए कांग्रेस श्रमिक न्याय लेकर आई है, जिससे लोगों को न्याय मिल सके। कांग्रेस ने आंकड़ों के साथ मोदी सरकार के कार्यकाल में खेतिहर मजदूर, मजदूर और श्रमिकों की खस्ता हालत की पोल खोली।

कांग्रेस ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार आने पर सभी श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य के अधिकार कानून की गारंटी दी जाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिदिन किया जाएगा, जो मनरेगा श्रमिकों के लिए न्यूनतम होगी। कांग्रेस शहरी क्षेत्रों के लिए रोजगार गारंटी कानून लाएगी। सभी असंगठित श्रमिकों के लिए जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा सहित व्यापक सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी। मुख्य सरकारी कार्यों में रोज़गार के लिए ठेका प्रथा बंद की जाएगी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014-15 और 2021-22 के बीच वास्तविक मजदूरी की वृद्धि दर प्रति वर्ष एक प्रतिशत से भी कम थी। खेत मजदूरों के लिए केवल 0.9 प्रतिशत थी। निर्माण कर्मियों के लिए मात्र 0.2 प्रतिशत थी। गैर-कृषि श्रमिकों के लिए सिर्फ़ 0.3 प्रतिशत थी। कांग्रेस-यूपीए-2 (2009-10 से 2013-14) के दौरान वास्तविक कृषि और गैर-कृषि ग्रामीण मजदूरी क्रमशः 8.6 प्रतिशत और 6.9 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ी। इसके विपरीत मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वास्तविक ग्रामीण मजदूरी की वृद्धि दर कृषि में (-0.6 प्रतिशत) और गैर-कृषि ग्रामीण मजदूरी (-1.4 प्रतिशत) दोनों के लिए नकारात्मक हो गई है। मनरेगा में आधार बेस्ड पेमेंट में अनिवार्यता लाकर, मोदी सरकार ने पिछले दो वर्षों में सात करोड़ लोगों से काम का अधिकार छीना। इसलिए कांग्रेस श्रमिक न्याय लेकर आई है।

वहीं नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि श्रमिक न्याय के पीछे का संदर्भ बेहद महत्वपूर्ण है। मोदी सरकार का सबसे खराब प्रभाव उन क्षेत्रों में रहा, जहां हमारे खेतिहर मजदूर, मजदूर और श्रमिक काम करते रहे हैं। साल 1991के बाद से सर्विस क्षेत्र में रोजगार बढ़ता चला गया, जीडीपी बढ़ती चली गई। कृषि पर रोजगार की निर्भरता कम होना विकसित देश की निशानी होती है। 2004 से लेकर 2014 के बीच कृषि में काम करने वाले लोगों की संख्या लगातार कम हुई थी। वहीं 2016-17 के बाद से 41 प्रतिशत लोग किसानी पर निर्भर थे। पीएलएफएस के अनुसार 2018-19 तक तीन करोड़ से ज्यादा लोग कृषि में गए थे। वहीं 2014-15 के बाद करीब 6.5 करोड़ लोग दूसरी जगहों से रोजगार छोड़कर कृषि में चले गए हैं। ये हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार हुआ है। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी मेक इन इंडिया का नारा दे रहे हैं, दूसरी तरफ लोग कृषि में जा रहे हैं। वहीं कृषि क्षेत्र ने पिछले सात-आठ वर्षों में इतना अभूतपूर्व विकास नहीं किया है। यही कारण है कि आज किसान सड़कों पर हैं।

संदीप दीक्षित ने कहा कि मोदी सरकार ढिंढोरा पीट रही है कि देश में बेरोजगारी दर बहुत कम हुई है। लेकिन वे एक आंकड़ा बताना भूल गए। मोदी सरकार के अनुसार आप घर पर कोई भी काम कर लें तो उसे रोजगार मान लिया जाता है। हिंदुस्तान एकमात्र ऐसा देश है, जिसमें अनपेड फैमिली वर्कर को एंप्लॉयड माना जाता है। आज इनका आंकड़ा 9.5 करोड़ पहुंच गया है। इन्हीं अनपेड फैमिली लेबर के जरिए मोदी सरकार ने अपने बेरोजगारी के आंकड़ों को कम किया है।

संदीप दीक्षित ने कहा कि 2011-12 में एनुअल सर्वे ऑफ इंडस्ट्रीज में एक आंकड़ा आया था, जिसमें सिर्फ 28 प्रतिशत फैक्ट्रियां कॉन्ट्रैक्ट लेबर लिया करती थीं, जबकि 72 प्रतिशत स्थायी रोजगार देती थीं। लेकिन पिछले साल आए एनुअल सर्वे ऑफ इंडस्ट्रीज की रिपोर्ट में कॉन्ट्रैक्ट लेबर का 28 प्रतिशत का आंकड़ा बढ़कर 98 प्रतिशत पर आ गया है। अब धीरे-धीरे स्थायी रोजगार भी कॉन्ट्रैक्ट में बदल जाएगा। इसलिए कांग्रेस श्रमिक न्याय लेकर आई है, जिससे लोगों को न्याय मिल सके।

संदीप दीक्षित ने बताया कि श्रमिक न्याय की पहली गारंटी स्वास्थ्य अधिकार के तहत कांग्रेस श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य अधिकार का कानून बनाने की गारंटी देती है।इसके साथ असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों तथा विकलांगता के शिकार लोगों के लिए जरूरी जांच, मुफ्त इलाज, दवाओं का इंतजाम, सर्जरी सहित पुनर्वास और पैलिएटिव केयर सहित यूनिवर्सल हेल्थ केयर की व्यवस्था की जाएगी।

दूसरी गारंटी श्रम का सम्मान के तहत कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिदिन करेगी, जो मनरेगा श्रमिकों के लिए भी लागू होगी। तीसरी गारंटी शहरी रोजगार गारंटी के तहत कांग्रेस शहरी क्षेत्रों के लिए रोजगार गारंटी कानून लाएगी। इसके तहत पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, शहरों को जलवायु के अनुसार ढालने और सामाजिक सेवा तंत्र को और मजबूत बनाने पर ध्यान दिया जाएगा।

चौथी गारंटी सामाजिक सुरक्षा के तहत असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा का प्रावधान होगा।

पांचवीं गारंटी सुरक्षित रोजगार के तहत मोदी सरकार द्वारा पारित एंटी वर्कर लेबर कोड्स की कांग्रेस व्यापक समीक्षा करेगी। श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए लेबर कोड्स में उचित संशोधन की भी कांग्रेस गारंटी देती है। कांग्रेस मुख्य सरकारी कार्यों मेंरोजगार के लिए ठेका प्रथा को बंद करेगी। ठेका मजदूरी केवल आखिरी विकल्प होगा, जिसमें श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित होगी। निजी क्षेत्रों के लिए भी कांट्रैक्ट रोजगार में सामाजिक सुरक्षा का पालन करना जरूरी होगा।

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