सपा के राष्ट्रीय सचिव आबिद रज़ा ने दिया पद से इस्तीफा

-समाजवादी पार्टी पर लगाए मुसलमानो की अनदेखी करने का आरोप

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व मंत्री व विधायक आबिद रजा खान ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने पद से इस्तीफा दे दिया प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में आबिद रजा खान ने पत्रकारों के सामने समाजवादी पार्टी सहित सेकुलर पार्टियों पर मुसलमान को नजरअंदाज करने का आरोप भी लगाया उन्होंने कहा मुसलमान के वोट को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में गठबंधन किया गया है मुसलमान की लॉन्चिंग होती है उन पर जुल्म और प्रताड़ना होती है लेकिन कोई पार्टी उनकी आवाज नहीं उठाती।
आबिद रजा ने समाजवादी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा सियासी हिस्सेदारी के साथ इंसाफ ना करना, गठबन्धन के साथियों से बेहतर कॉर्डिनेशन ना रख पाना व सच कहने वाले नेता व कार्यकर्त्ताओं की बात को नजर अन्दाज करना एवं पार्टी का ओवर कॉन्फिडेन्स लगातार पार्टी को खोखला व कमजोर कर रहा है। पार्टी संर्घष के नाम पर फेसबुक, टिवटर, फोटो सेशन तक रह गयी है, कई सालों से जनता के मुद्दे पर कोई धरना प्रदर्शन ना करना भी पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है। यही वजह है कोई भी चुनाव नजदीक आते ही पार्टी को गठबन्धन का सहारा लेना पड़ता है। जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है।
क्या मुसलमान का काम अब पार्टी में सिर्फ पोस्टर लगाना, नारे लगाना, कुर्सिया बिछाना, और टैण्ट बिछाना बचा है। आखिर मुसलमान कब तक पार्टी में टिकट का मोहताज रहेगा 14 फरवरी को हमने आपको पीडीए के मुताबिक राज्यसभा के तीन प्रत्याशियों में से एक प्रत्याशी मुसलमान बनाने की गुजारिश की थी, जिसको नजर अंदाज कर दिया गया। पार्टी के एमवाई फेक्टर में एम के साथ इंसाफ नहीं हो रहा है। जबकि प्रदेश का मुसलमान तमाम जुल्म और सितम के बावजूद आपके साथ खड़ा है। आने वाले एमएलसी के चुनाव में कम से कम दो मुसलमानों को प्रत्याशी बनाना चाहिये। आगामी लोकसभा चुनाव में भी 20 प्रतिशत मुसलमान के हिसाब से पार्टी में टिकट दिये जाने चाहिये।
आबिद राजा ने कहा गठबंधन सिर्फ मुसलमान वोट को रोकने के लिए किया जाता है। गठबंधन करके मुसलमान की अनदेखी पार्टी यह सोचकर और करती है कि मुलसमान वोट अब जायेगा कहाँ।
 अब मुसलमान व मुसलमान लीडर की पार्टी में नेताजी के वक्त जैसी इज्जत और कद्र नहीं बची, इसलिए हमारे दिल ने हमें यह महसूस करने पर मजबूर कर दिया कि हमें इस पद पर नहीं रहना चाहिए। इसलिए मैं अपने राष्ट्रीय सचिव के पद से इस्तीफा देता हूं।
Leave A Reply

Your email address will not be published.