बारापुला फेस-3 की देरी में जिम्मेदार इंजीनियर होंगे निलंबित, तय होगी जिम्मेदारी

- छह साल की देरी से बढ़ गया 362 करोड़ रुपये की लागत

नई दिल्ली। बारापुला फेस-3 परियोजना की देरी में जिम्मेदार इंजीनियर निलंबित होंगे। यदि वह सेवानिवृत हो गए हैं उनकी जिम्मेदारी तय कर उचित कार्रवाई की जाएगी। शनिवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने परियोजना से जुड़े अंतिम बाधा को दूर करने वाली भूमि के दो छोटे पार्सल के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी। साथ ही मुख्य सचिव को इस योजना की जांच करने का आदेश दिया है। इसमें देखा जाएगा कि परियोजना में देरी क्यों हुई।
परियोजना में छह साल की देरी से लागत में 362 करोड़ रुपये की वृद्धि हो गई है। इसे लेकर उपराज्यपाल ने परियोजना के प्रभारी इंजीनियरों को परियोजना पर निर्माण कार्य शुरू होने के समय से ही निलंबित करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि यदि वह इंजीनियर सेवानिवृत्त हो गए हैं तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। परियोजना में 1169.093 वर्गमीटर और 709.901 वर्गमीटर माप वाले दो भूमि खंड दक्षिण पूर्व जिले के नंगलीराजापुर गांव में स्थित हैं।
परियोजना की बढ़ी लागत
दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में परियोजना को पूरा करने में बजट बचने जी जगह बढ़ गया है, जबकि मुख्यमंत्री लगातार बजट बचने का दावा कर रहे हैं। बारापुला परियोजना के लिए 964 करोड़ रुपये की निविदा जारी हुई थी। इस प्रोजेक्ट में 1326.37 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। निविदा राशि के अतिरिक्त 362.37 करोड़ रुपये ठेकेदार को सरकारी खजाने से दिया जा रहा है, जबकि परियोजना में 6 साल से अधिक की देरी हो गई है।
सक्सेना ने कहा है कि परियोजना के लिए भूमि की योजना, निरीक्षण और क्षेत्र सर्वेक्षण के संबंध में अधिकारियों की ओर से घोर लापरवाही बरती गई, जिसके परिणामस्वरूप इसमें 6 वर्षों से अधिक की देरी हुई, इसके अलावा सैकड़ों करोड़ रुपये की लागत भी बढ़ी।
उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को भूमि की पहचान और भूमि अधिग्रहण के लिए अपेक्षित क्षेत्र का आकलन करने सहित सार्वजनिक महत्व की परियोजनाओं को चूक-मुक्त योजना और समय पर निष्पादन के लिए उपयुक्त एसओपी तैयार करने का भी निर्देश दिया है।
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