फूलवालों की सैर’ सिर्फ़ एक उत्सव नहीं, ये दशकों से दिल्ली की गंगा-जमुनी तहज़ीब का हिस्सा: आतिशी

 नई दिल्ली। भारतीय संस्कृति और एकता के परिचायक ‘फूल वालों की सैर’ कार्यक्रम का धूमधाम से समापन समारोह आयोजित किया गया। राजस्व मंत्री आतिशी ने इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया और विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में भारत के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया और यहाँ शानदार क़व्वाली का भी आयोजन किया गया।
इस मौक़े पर राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि, फूलवालों की सैर’ सिर्फ़ एक उत्सव नहीं, ये दशकों से दिल्ली की गंगा-जमुनी तहज़ीब का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में देश के हर हिस्से के लोग, हर धर्म संप्रदाय,मान्यता के लोग रहते है और इस प्रकार के उत्सव सभी को साथ लाने का काम करते है।
उन्होंने कहा कि, फूल वालों की सैर के जीवंत उत्सव के बीच, आज आपके सामने खड़ा होना बेहद खुशी की बात है। हमारी सदियों पुरानी परंपराओं का हिस्सा यह उत्सव, भारत की समृद्ध और साझी संस्कृतियों का एक प्रमाण है।
राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि, भारत, असंख्य परंपराओं, विविध मान्यताओं, भाषाओं और रीति-रिवाजों का मिश्रण का देश है। आज का उत्सव उन्हीं परंपराओं का हिस्सा है जो हमें धर्म, जाति और पंथ की बाधाओं से परे एक साथ जोड़ता हैं। हमारी साझी विरासत का ताना-बाना बुनता  हैं।
उन्होंने कहा कि, आज के समय में जब इंसान को इंसानियत से दूर किया जा रहा है, एक दूसरे से लड़ाया जा रहा है। ऐसे में ‘फूलवालों की सैर’ लोगों को साथ लाने का त्यौहार है। जो आपसी भेदभाव की भुलाकर प्रेम और सौहार्द को बढ़ाता है।
आतिशी ने कहा कि हमें अपनी इन परंपराओं को संजोना और उनका जश्न मनाना जारी रखना चाहिए, क्योंकि ये ऐसे पुल हैं जो हमें हमारी जड़ों से, एक-दूसरे से और उस भविष्य से जोड़ते हैं जिसकी हम सामूहिक रूप से कल्पना करते हैं।
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