नई दिल्ली। यूक्लीन, आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र अरुणाभ सिन्हा द्वारा स्थापित भारत की प्रमुख लॉन्ड्री और ड्राई-क्लीनिंग चेन, लॉन्ड्री सर्विसेज को पूरी तरह से बदल रही है। यूक्लीन अपनी इनोवेटिव लॉन्ड्री सर्विसेज के साथ भारतीय लॉन्ड्रोमैट इंडस्ट्री में एक बड़ा रेवोल्यूशन ला रही है। अक्टूबर 2016 में यूक्लीन की स्थापना के बाद से, अरुणाभ सिन्हा भारत के लॉन्ड्री मार्केट में रेवोल्यूशन ला रहा हैं। भारतीय लॉन्ड्री मार्केट आकार में काफी बड़ा होने के बावजूद आज तक असंगठित सेक्टर के तौर पर काम कर रहा है, जिसे अरुणाभ तेजी से आर्गेनाइज्ड सेक्टर में बदल रहे हैं।
यूक्लीन की इस व्यापक बदलाव लाने वाले सफर ने लॉन्ड्री मार्केट में एक पूरी तरह से एक नई कैटेगरी को तैयार है, जिसने एक तरह से नए ग्रीन रेवोल्यूशन के लिए प्लेटफॉर्म तैयार किया है। कंपनी के इनोवेटिव दृष्टिकोण ने कई सारे नए और महत्वपूर्ण सॉल्यूशंस की एक पूरी सीरीज को जन्म दिया है, जिसमें कस्टम डिटर्जेंट विकल्प, अत्याधुनिक लॉन्ड्री मशीनें, एनवॉयरमेंट फ्रैंडली और नए मॉडल के लिए डिजाइन किए गए स्पेशल कैमिकल भी शामिल हैं। यूक्लीन ने एक इंडस्ट्री प्रमुख मानक स्थापित करते हुए माइक्रो लॉन्ड्रोमैट के लिए लेआउट, फर्नीचर और एसेसरीज को भी नए कॉन्सेप्ट्स के आधार पर तैयार किया है।
अरुणाभ और उनकी टीम ने विशेष रूप से माइक्रो लॉन्ड्रोमैट मॉडल के लिए अत्याधुनिक एसेसरीज और टूल्स को डेवलप किए हैं। इन डिजाइनों ने न केवल मानक स्थापित किए हैं, बल्कि इंडस्ट्री में मौजूद अन्य प्रतिस्पर्धी सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा भी इनको अपनाया गया है, जिससे भारत में लॉन्ड्री मार्केट का पूरा माहौल ही बदल गया है।
यूक्लीन की सफलता की कहानी उसकी अपनी ग्रोथ तक ही सीमित नहीं है; यह एंटरप्रेन्योरशिप और रोजगार तैयार करने के लिए युवाओं को प्रेरित भी कर रही है। कंपनी ने फ्रैंचाइजिंग के माध्यम से एंटरप्रेन्योरशिप को प्रोत्साहित किया है, जिससे माइक्रो एंटरप्रेन्योर्स को यूक्लीन ब्रांड के तहत अपने स्वयं के लॉन्ड्री बिजनेस को स्थापित करने में सक्षम बनाया गया है, जिससे देश भर में रोजगार बढ़ाने में योगदान मिला है।
यूक्लीन के तेजी से विस्तार ने ब्रांड को देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाली फ्रैंचाइजी बना दिया है, यहां तक कि सबवे के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है। यह सिर्फ शुरुआत है, क्योंकि यूक्लीन अगले 3-4 वर्षों में 3,000 से अधिक स्टोर खोलने की योजना बना रहा है, और अपनी शानदार लॉन्ड्री सर्विसेज को और भी अधिक शहरों और कम्युनिटीज तक ले जाएगा।
इसके अलावा, यूक्लीन एनवॉयरमेंटल सस्टेनेबिलिटी पर बहुत जोर देता है, प्रत्येक लोड प्रोसेस्ड होने पर लगभग 60 प्रतिशत पानी की बचत होती है। विशेष रूप से, मार्च के अंत तक, ब्रांड के सभी स्टोर्स प्लास्टिक-फ्री हो जाएंगे, जिसमें प्लास्टिक के बजाय कोर्न-बेस्ड पैकेजिंग और धातु की टोकरियों का उपयोग किया जाएगा।
अरुणाभ सिन्हा, सीईओ, यूक्लीन ने कहा कि ‘‘हमारा दृष्टिकोण हमेशा न केवल लॉन्ड्री के तरीके को बदलने का रहा है, बल्कि इंडस्ट्री में क्वालिअी और सस्टेनेबिलिटी का एक नया मानक बनाने का भी रहा है। कस्टमाइज्ड डिटर्जेंट समाधान पेश करने से लेकर अग्रणी इको-फ्रैंडली पैकेजिंग तक, हम न केवल कपड़े धोने को फिर से परिभाषित कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरणीय के प्रति अपनी जिम्मेदारी और ग्राहक संतुष्टि के लिए एक उच्च मानक भी स्थापित कर रहे हैं।’’
अरुणाभ के इस स्टार्टअप की शुरुआत एक गहन दृष्टिकोण के साथ शुरू हुई-भारत में लॉन्ड्रोमैट्स को पेश करना, लॉन्ड्री मार्केट के भीतर चुनौतियों और अवसरों को हल करना। उनके मार्केट रिसर्च से व्यापक संभावनाओं का पता चला, भारतीय लॉन्ड्री इंडस्ट्री का मूल्य आश्चर्यजनक रूप से $70 बिलियन आंका गया। इस खुलासे ने अरुणाभ को यूक्लीन की स्थापना के लिए प्रेरित किया, जिससे उन्हें ‘द लॉन्ड्री मैन ऑफ इंडिया’ का सटीक खिताब भी मिला।
अरुणाभ की एंटरप्रेन्योरशिन एक्सीलेंस के कारण उन्हें भारतीय लॉन्ड्री इंडस्ट्री को नया रूप देने के साहसिक कदम उठाने के लिए एंटरप्रेन्योर मैगजीन से प्रतिष्ठित ‘एंटरप्रेन्योर 35 अंडर 35’ अवॉर्ड भी मिला। उन्हें फ्रैंचाइजिंग में एक्सपर्ट और ग्रोथ स्पेशलिस्ट के तौर पर भी माना जाता है।