नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सोमवार को कहा कि अडानी ने गुजरात के लोगों को महंगी बिजली देकर 3800 करोड़ रुपए की लूट की है। फिर भी मोदी सरकार और ईडी-सीबीआई चुप हैं। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते मोदी जी ने लोगों को 2.25 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने के लिए अडानी से 25 साल का एग्रीमेंट किया था, लेकिन आज उनको 8.20 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिल रही है। क्योंकि अडानी अपने वादे से मुकर गए और 2018 में गुजरात सरकार से बिजली महंगी करने का दूसरा एग्रीमेंट कर लिया। इस एग्रीमेंट के अनुसार, आर्गस ग्लोबल कंपनी के बताए रेट पर अडानी को कोयला खरीदना था, लेकिन गुजरात सरकार ने कभी इसका सत्यपान नहीं किया और 2018-23 तक 3800 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि अब जब अडानी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, तब गुजरात सरकार ने 15 मई 2023 को अडानी को पत्र लिखकर पूछा कि कोयला कहां से खरीदा, उसका बिल दो। उन्होंने भाजपा से सवाल करते हुए कहा कि 25 साल के एग्रीमेंट को किसके दबाव में बदला गया और गुजरात सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कोयले का दाम पता क्यों नहीं किया?
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और वरिष्ठ नेता रीना गुप्ता ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर अडानी के एक और बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा गुजरात की जनता के साथ भ्रष्टाचार और लूट से जुड़ा है। गुजरात की जनता की जेब काटने का यह काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी के सबसे करीबी दोस्त अडानी और उनकी कंपनी ने किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2007 में गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त उनकी सरकार ने आडनी से बिजली को लेकर एक समझौता किया। एग्रीमेंट के अनुसार, अडानी ने अगले 25 साल तक गुजरात की जनता को 2.25 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने का वादा किया। 2007 में गुजरात सरकार और अडानी के बीच पावर परचेज एग्रीमेंट किया गया। इसके बाद अडानी अचानक अपने वादे और एग्रीमेंट से पलट गए। 2018 में अडानी ने गुजरात सरकार के साथ एक और एग्रीमेंट साइन किया। उसमें कहा गया कि कोयला महंगे दामों में खरीदना पड़ रहा है। इसलिए सरकार को बिजली के दाम महंगे देने पड़ेंगे। लेकिन एग्रीमेंट में यह शर्त लिखी गई कि आर्गस ग्लोबल कंपनी द्वारा दुनिया भर के देशों में कोयले का जो दाम बताया जाएगा, उसके अनुसार ही भुगतान किया जाएगा। आर्गस ग्लोबल कंपनी दुनिया भर में कोयले का क्या दाम है, ये बताती है।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि 2018 से 2023 तक अडानी ने कोयले का दाम जितना बताया है, गुजरात सरकार उतनी पेमेंट करती रही। गुजरात सरकार ने इस दौरान अडानी की कंपनी को 13802 करोड रुपए का भुगतान किया। हैरानी की बात है कि गुजरात मॉडल की बात करने वाली गुजरात सरकार ने आर्गस ग्लोबल कंपनी के रेट से सत्यापन नहीं किया कि उस वक्त इंडोनेशिया में कोयले का क्या रेट था? गुजरात सरकार ने कोई जांच नहीं की। अडानी ने जितना बिल बनाकर दिया, सरकार ने उतना भुगतान कर दिया। एक सवाल यह भी उठा रहा है कि जब भारत में जरूरत से अधिक कोयले का उत्पादन किया जाता है तो अडानी को विदेश से कोयला खरीदने की जरूरत क्यों पड़ी? पिछले साल भारत में कोयले का उत्पादन 30 फीसद बढ़ा है। भारत में राज्य सरकारों को कोयला दो से तीन हजार रुपए प्रति टन मिलता है।