नई दिल्ली। बिजली की खपत कम करने और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए केजरीवाल सरकार अपनी इमारतों, कार्यालयों और स्ट्रीटलाइट्स का ‘एनर्जी ऑडिट’ करवाएगी। इस एनर्जी ऑडिट का उद्देश्य बिजली के अधिक इस्तेमाल करने वाले स्थानों का पता लगाना और वहां स्मार्ट तरीक़ों से बिजली की खपत को कम करने की रणनीति तैयार करना है।
राजधानी भर में सरकारी भवनों और स्ट्रीटलाइट्स के एनर्जी ऑडिट के विषय में साझा करते हुए ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा शुक्रवार को कहा कि केजरीवाल सरकार बिजली की हर यूनिट के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में सरकार अपने उन सभी सरकारी भवनों का एनर्जी ऑडिट करवायेगी जहां बिजली की खपत 500 किलोवॉट से ज़्यादा है।
उन्होंने कहा कि, इस प्रक्रिया में इमारतों के भीतर विभिन्न उपकरणों और उपकरणों की वास्तविक ऊर्जा खपत को मापना, उसका आवश्यक अनुमानित न्यूनतम ऊर्जा के साथ तुलना करना और फिर बिजली की बचत के लिए आर्थिक और तकनीकी रूप से व्यावहारिक तरीकों की पहचान करना शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि, एनर्जी ऑडिट से बिजली उपयोग को अनुकूलित करने के लिए भी सुझाव मिलेगा जिसके परिणामस्वरूप बिजली और पैसे दोनों की बचत होगी।
बिजली मंत्री ने कहा कि, माना जाता है कि यदि कोई उपभोक्ता बिजली की एक यूनिट की बचत करता है, वो बिजली संयंत्र में उत्पादित 2 यूनिट के बराबर होता है। ऐसे में इन ऑडिट से प्राप्त ऊर्जा-बचत उपायों से दिल्ली की समग्र बिजली मांग को स्थिर करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, एनर्जी ऑडिट से न केवल सरकारी भवनों में ऊर्जा की खपत को कम करने के तरीकों का पता चलेगा बल्कि इससे सरकार का वित्तीय बोझ भी कम होगा। साथ ही, यह पहल सीओ2 उत्सर्जन को कम करने में मददगार साबित होगा।”
आगे आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार के बिजली विभाग ने मिशन 2023 के तहत सरकारी भवनों के ‘ऊर्जा ऑडिट’ को प्राथमिकता दी है और हम इस दिशा में मिशन मोड में काम कर रहे है।