नई दिल्ली। आवारा कुत्तों की समस्या से परेशान दिल्लीवालों को राहत देने के लिए वसंत कुंज में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पीपीपी के तहत कुत्तों की नसबंदी केंद्र-सह-पशु चिकित्सा अस्पताल,डिस्पेंसरी बनेगा। यहां पर आवारा कुत्तों की नसबंदी और इलाज मुफ्त में किया जाएगा। वहीं अन्य स्रोतों से प्राप्त राजस्व का उपयोग अन्य सेवाओं के लिए किया जाएगा।
इस केंद्र की स्थापना के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना के आदेश पर वसंत कुंज इलाके में डीडीए से दिल्ली नगर निगम को 483 वर्ग मीटर भूमि आवंटन को मंजूरी दे दी है। इसके माध्यम से आवारा कुत्तों के खतरे और कुत्तों के काटने के मामलों को रोकने का प्रयास किया जाएगा। शहर में कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं और आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे को देखते हुए एलजी सचिवालय ने कहा था कि डीडीए द्वारा एमसीडी को जमीन इस शर्त पर आवंटित की जाएगी कि वह आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए मुफ्त सेवाएं प्रदान करेगी। हाल के दिनों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जहां आवारा कुत्तों ने लोगों पर हमला किया। इनमें कई बच्चों की जान भी चली गई। बता दें कि साल 2019 से यह केंद्र लंबित था। भूमि मिलने के बाद यहां भवन निर्माण, चिकित्सा उपकरण, संचालन और कर्मचारियों पर सभी खर्च पीपीपी मॉडल पर तैयार होगा। वहीं प्रक्रिया और सफल बोलीदाता एमसीडी को वार्षिक लाइसेंस शुल्क का भुगतान करेगा। राजस्व उत्पन्न करने के लिए यह केंद्र निजी व्यक्तियों के पालतू जानवरों का उपचार भी करेगा। अधिकारियों ने बताया कि इस केंद्र में आवारा पशुओं को मुफ्त में सुविधा मिलेगी, जबकि अन्य लोगों के पालतू जानवरों को एक शुल्क का भुगतान करने पर उचित सुविधा दी जाएगी। अधिकारी ने बताया कि केंद्र बनने केंद्र बनने के बाद दक्षिण और दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ता) नियम, 2001, आवारा पशुओं की जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित है। यह जनसंख्या स्थिरीकरण प्राप्त करने के लिए आवारा जानवरों को मारने के बजाय उन्हें नपुंसक बनाने का प्रावधान करता है। आवारा पशुओं के बढ़ते खतरे के पीछे इस कानून का अनुचित क्रियान्वयन भी एक प्रमुख कारण के रूप में देखा जाता है।
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