नई दिल्ली। ड्यूटी के दौरान हुई मौत के बाद दिल्ली पुलिस के जवानों को भी शहीद का दर्जा देने की मांग की गई है। दिल्ली पुलिस सेवानिवृत्त अराजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पत्रकारों को दिए एक बयान में कहा कि दिल्ली पुलिस के जवान जान पर खेलकर लोगों की सेवा करते हैं! बदले में उनकी मौत के बाद ड्यूटी के दौरान उनकी मौत के बाद वह दर्जा नहीं मिलता है जिसके वह हकदार है। इसलिए हमारी मांग है कि दिल्ली पुलिस के जवानों को भी ड्यूटी के दौरान हुई मौत के बाद शहीदों का दर्जा दिया जाए।
एसोसिएशन के अध्यक्ष छिददा सिंह रावत, महासचिव भागीरथ डाबला, सुरेंद्र सिंह यादव, कोषाध्यक्ष ताराचंद राघव, सुरेश शर्मा, चिरंजी लाल शर्मा, श्री राम दास और अधिवक्ता अभिषेक चौधरी ने कहा कि हमारी मांग है कि दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त अजय राज शर्मा का पुलिस वालों के निधन के बाद जो आदेश पारित हुआ था, उसे लागू किया जाए, इसके साथ ही पूर्व आयुक्त आलोक कुमार ने 10, 20 और 30 साल के बाद एमएससीपी स्कीम के तहत प्रोन्नति की बात रखी थी, पूर्व आयुक्त राकेश अस्थाना ने हर पुलिस स्टेशन में जांच के लिए एक टीमें बनाई थी और मौजूदा आयुक्त संजय अरोड़ा ने पीसीआर को दोबारा थाने से अलग यूनिट के रूप में मान्यता देने का जो आदेश जारी किया है, उसका हम स्वागत करते हुए अपने लिए एसोसिएशन को मान्यता देने की मांग कर रहे हैं!
संघ ने कहा कि दिल्ली पुलिस का पे एंड अकाउंट्स दफ़्तर सिस्टमैटिक ढंग से चालू हो जाए तो वर्तमान और रिटायर पुलिस वालों को वेतन और अन्य सुविधाओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
यही नहीं देश में समान काम करने के बाद भी दिल्ली पुलिस वालों को कई राज्यों से कम वेतन और सुविधाएँ मिल रही है। चंडीगढ़ पुलिस के समान दिल्ली पुलिस का वेतन होना चाहिए और 300 दिन की अर्जित अवकाश के बाद जो छुट्टियां उन्हें रिटायरमेंट के समय बचता है उसका या तो पैसे मिलना चाहिए या उस छुट्टी का उपयोग उन्हें ड्यूटी के दौरान ही करने की अनुमति मिल जानी चाहिए।
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