वेस्ट टू एनर्जी प्लांट तहखंड की क्षमता 50 फीसदी बढ़ायी जाएगी, रोजाना तीन हजार मीट्रिक टन कूड़े से बनेगी बिजली
- मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने किया वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र तेहखंड का दौरा
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के तहखंड स्थित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की क्षमता 50 फीसदी बढ़ायी जाएगी। इसके जरिए रोजाना तीन हजार मीट्रिक टन कूड़े से बिजली बनेगी। मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने प्लांट का निरीक्षण करने के बाद बताया कि अभी रोजाना 2 हजार मीट्रिक टन कूड़े से बिजली बनती है। लेकिन जल्द रोजाना 3 हजार मीट्रिक टन कूड़े से बिजली बनेगी। एक हजार मीट्रिक टन अतिरिक्त कूड़े की प्रोसेसिंग के लिए एक बॉयलर लगाया जाएगा। सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हम दिल्ली को कचरा मुक्त शहर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
दिल्ली की मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने बुधवार को तहखंड में ‘वेस्ट टू एनर्जी’ संयंत्र का निरीक्षण किया। मेयर ने कूड़े को लाने, कंट्रोल रूम, ठोस कचरे से बिजली उत्पादन के पूरे केंद्रीकृत संचालन का अवलोकन किया। इस दौरान संयंत्र के ठीक बगल में 32 एकड़ में विकसित किए जा रहे इंजीनियर्ड सेनेटरी लैंडफिल (एसएलएफ) के कार्य की प्रगति का भी जायजा लिया। अधिकारियों ने बताया कि रोजाना लगभग 2 हजार मीट्रिक टन ठोस कचरे को प्लांट में प्रोसेस किया जा रहा है। अब तक कुल 3.27 लाख मीट्रिक टन कूड़े को प्रोसेस किया गया है। इस ऊर्जा संयंत्र के वाणिज्यिक संचालन की शुरुआत के बाद से लगभग 85 मिलियन यूनिट बिजली उत्पन्न हुई है।
इसके बाद मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने बताया कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट तहखंड प्लांट की क्षमता को 50 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया। इससे 50 फीसदी अधिक बिजली पैदा होगी और 50 फीसदी अधिक कूड़े का निस्तारण होगा। अभी रोजाना 2 हजार मीट्रिक टन कूड़े से बिजली बनती है। लेकिन जल्द रोजाना 3 हजार मीट्रिक टन कूड़े से बिजली बनेगी। इसके लिए एक अतिरिक्त बॉयलर लगाया जाएगा।
मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने दिल्ली को जल्द से जल्द कूड़ा मुक्त करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हम दिल्ली को कचरा मुक्त शहर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में तेजी से दिल्ली को साफ-सफाई में नंबर वन बनाएंगे।
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8 हजार मीट्रिक टन कूड़े से बन रही बिजली
तुगलकाबाद में ओखला लैंडफिल के पास 5 एकड़ भूमि पर 25 मेगावाट तेहखंड ‘वेस्ट टू एनर्जी’ संयंत्र स्थापित किया गया। लगभग 475 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर बने इस संयंत्र ने 26 जनवरी 2023 को अपना व्यावसायिक संचालन शुरू किया। राजधानी में प्रतिदिन 11 हजार मीट्रिक टन से अधिक कचरा उत्पन्न होता है। इसमें से 8 हजार मीट्रिक टन से अधिक ओखला, नरेला-बवाना, गाज़ीपुर और तेहखंड में स्थित वेस्ट टू एनर्जी संयंत्रों में जाता है। इससे बिजली बन रही है।