साल के अंत तक दिल्ली को मिलेंगे 4 नए फ्लाईओवर, 2 अंडरपास

-पीडब्ल्यूडी मंत्री ने की अधिकारियों के साथ समीक्षा

नई दिल्ली। इस साल के अंत तक दिल्ली के लोगों को 4 नए फ्लाईओवर और 2 अंडरपास मिल जाएंगे। नए फ्लाईओवर के बनने से रिंग रोड पर स्थित सराय काले खां टी-जंक्शन सिग्नल फ्री कॉरिडोर बन जायेगा और रोजाना यहां गुजरने वाले लाखों वाहनों को जाम से छुटकारा मिलेगा। दरअसल, शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने उच्चाधिकारियों के साथ दिल्ली में वर्तमान में चल रहे 2 दर्जन से अधिक फ्लाईओवर प्रोजेक्ट्स के प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान यह बताया गया कि सराय काले खां टी-जंक्शन फ्लाईओवर, पंजाबी बाग से राजा गार्डन तक के फ्लाईओवर का दोहरीकरण व विस्तार, आनंद विहार और अप्सरा बॉर्डर के बीच छह लेन के फ्लाईओवर, करावल नगर, घोंडा-बृजपुरी जंक्शन पर डबल डेकर फ्लाईओवर, मुकरबा चौक अंडरपास जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स का काम जारी है। इस मौके पर पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि ये सभी प्रोजेक्ट्स दिल्ली को जाममुक्त बनाने के मुख्यमंत्री के विजन को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि ये सभी प्रोजेक्ट्स यातायात को सुगम बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इनके पूरा होने के बाद रोजाना कई लाख वाहनों को ट्रैफिक से छुटकारा मिलेगा। समीक्षा बैठक के दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्तमान में जितने भी फ्लाईओवरों का काम चल रहा है, उनका मासिक टारगेट बनाकर टाइमलाइन के साथ सभी प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जाए और हर महीने उन्हें इसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपी जाए। वहीं, पंजाबी बाग से राजा गार्डन तक के फ़्लाइओवर का दोहरीकरण व विस्तार-इस प्रोजेक्ट के तहत पंजाबी बाग स्थित दोनों सिंगल फ्लाईओवर को डबल किया जाएगा। यहां मौजूदा दोनों फ्लाईओवर 2-2 लेन की है और दोनों फ्लाईओवर ही वन-वे है7 प्रोजेक्ट में दोनों फ्लाईओवर की 1-1 लेन को बढ़ाकर 3 लेन का किया जाएगा और इसके साथ ही दोनों फ्लाईओवर के साथ 3-3 लेन के नए फ्लाईओवर तैयार किए जाएंगे जिससे फ्लाईओवर टू-वे हो जाएंगे। फ्लाईओवर के दोहरीकरण के साथ इसका पंजाबी बाग से राजा गार्डन तक 1400 मीटर तक विस्तार भी किया जाएगा। पंजाबी बाग फ्लाईओवर और राजा गार्डन फ्लाईओवर के बीच का ये कॉरिडोर रिंग रोड का हिस्सा है और यहां ट्रैफिक का लोड काफी ज्यादा है क्योंकि यहां रोहतक रोड (एनएच -10) का उपयोग करके हरियाणा का ट्रैफिक आता है। साथ ही ये उत्तरी दिल्ली को दक्षिणी दिल्ली, गुडगांव व एनसीआर के अन्य हिस्से से जोडऩे का भी काम करता है। यहां मौजूद वन- वे फ्लाईओवर और कम क्षमता वाले चौराहों वर्तमान के ट्रैफिक लोड के लिए पर्याप्त नहीं है जिससे यहां ट्रैफिक जाम की समस्या पैदा होती है। इस कॉरिडोर के निर्माण से मौजूदा रोड का ट्रैफिक एलिवेटेड रोड पर शिफ्ट हो जाएगा और इससे रोजाना दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को फायदा होगा। ये कॉरिडोर इस साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा।
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