पीएम कितना पढ़े हैं, देश को ये जानने का है अधिकार: केजरीवाल

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री मांगने पर गुजरात हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने मुख्य सूचना आयोग (सीआईसी) के आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिसमें यूनिवर्सिटी और पीएमओ से डिग्री प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। कोर्ट के निर्णय के बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके पीएम कितना पढ़े हैं? कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का जबरदस्त विरोध किया। क्यों? और उनकी डिग्री देखने की मांग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जाएगा? ये क्या हो रहा है अनपढ़ या कम पढ़े लिखे पीएम देश के लिए बेहद खतरनाक हैं।

बता दें कि सीआईसी ने पीएमओ के जन सूचना अधिकारी (आरटीआई) और गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के पीआईओ को प्रधानमंत्री मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री दिखाने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने याचिका दाखिल कर डिग्री दिखाने की मांग की थी। जिस पर 31 मार्च को गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री और स्नातकोत्तर डिग्री प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कई बार पीएम मोदी की डिग्री का मुद्दा उठा चुके हैं। उन्होंने कई बार उनकी डिग्री को सार्वजनिक रूप से दिखाने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में विधानसभा में पूछा था कि देश के प्रधानमंत्री कितना पढ़े हैं।

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भाजपा ने केजरीवाल पर लगाया झूठ फैलाने का आरोप
गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के सात साल पुराने एक आदेश को शुक्रवार को रद्द किए जाने के बाद भाजपा ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा और उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ झूठ फैलाने का आरोप लगाया। भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, गुजरात उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल को फटकार लगाई। प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में तुच्छ याचिकाएं दायर करने के लिए उन पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया।  भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया, झूठ बोलना और अप्रिय टिप्पणी करना, प्रधानमंत्री के पद के बारे में झूठ फैलाना फैशन बन गया है और केजरीवाल इस संबंध में राहुल गांधी के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा में हैं, लेकिन आज उन्हें उच्च न्यायालय ने उनकी जगह दिखा दी है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि केजरीवाल अब राहुल की तरह न्यायपालिका पर अपमानजनक टिप्पणी नहीं करेंगे।
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