कचरा उठाने वाले कामगारों के अधिकारों पर चर्चा

-दिल्ली के कचरा कामगार की जनसुनवाई कार्यक्रम संपन्न

नई दिल्ली। मसूदपुर कम्युनिटी हॉल में दिल्ली राउंडटेबल ऑन सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली के कचरा कामगारों की जनसुनवाई को लेकर मीटिंग रखी गई। इसमें कचरा उठाने वाले कामगारों के अधिकारों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में बाल विकास धारा के प्रधान देवेंद्र बराल सहित कंस्ट्रक्शन ट्रेड यूनियन एक्टिविस्ट थानेश्वर, डॉमेस्टिक वर्कर एक्टिविस्ट रेखा सिंह, सोशल एक्टिविस्ट व संपादक पवन कुमार गुप्ता शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती ममता के द्वारा किया।


जनसुनवाई में शामिल हुए पीड़ित लोगों ने अपनी समस्याओं को बताया। इन कामगारों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाएं और शिक्षा सुविधाएं देने की मांग की गई। इसमें स्थानीय कामगार लक्ष्मी ने बताया कि उन्हें कोरोना काल में सिर्फ ₹500 प्रति माह मिला। जागृति और एमपी राजपूत ने बताया कि वह ₹500 की जगह ₹300 प्रति माह पर काम करने को मजबूर हुए।
पैनलिस्ट में देवेंद्र बाल विकास धारा के प्रमुख ने संबोधन करते हुए कहा कि यह समस्या दिल्ली नहीं पूरे भारत की है। मामले की गंभीरता को समझाते हुए उन्होंने बताया की कचरा कामगारों को समाज की तरफ से हाशियाकृत किया जाता है। इसके साथ ही वेस्ट मैनेजमेंट के अंदर बड़ी कंपनियों के आने की वजह से इन कामगारों का रोजगार भी छीन रहा है। बिना इन कामगारों के स्वस्थ व स्वच्छ भारत का सपना कभी पूरा नहीं किया जा सकता। यह कर्मचारी भारत की स्वच्छता में अपनी अभिन्न भूमिका निभाते हैं।
पैनलिस्ट थानेश्वर ने संबोधन करते हुए कहा कि कचरा कामगार का देश के जीडीपी में बड़ा योगदान है दिल्ली महानगर में रोज आठ हजार मैट्रिक टन कचरा निकलता है इसके छटाई और पूर्ण चक्रण में इन कामगारों की भूमिका अहम है परंतु इनकी परिस्थिति बहुत ही विकृत है सरकार से इन्हें बहुत कम सामाजिक सुविधाएं प्राप्त होती है हम मांग करते हैं कि सरकार इनकी स्थिति में सुधार लाएं।
पैनलिस्ट रेखा सिंह ने मांग करते हुए कहा कि कामगार चाहे कचरा उठाने वाले हो या घरों में काम करने वाली महिलाएं हो सरकार सबके साथ ऐसा ही सौतेला व अनदेखा व्यवहार करती है। सरकार ने इस पर शीघ्र ध्यान नहीं दिया तो “अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है” नारों के साथ अपनी मांग रखी।
पैनलिस्ट पवन कुमार गुप्ता ने संबोधन करते हुए कहा कि अगर सभी कचरा कामगार व घरों में काम करने वाली महिलाएं एक होकर आवाज उठाए और अपने हक की लड़ाई लड़े तो सरकार तक आवाज अवश्य पहुंचेगी। श्रीमती नंदनी के द्वारा देश गीत प्रस्तुत करते हुए प्रोग्राम की समाप्ति की गई।

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