दिल्ली में सड़क हादसे शून्य करने के लिए एक्शन मोड में केजरीवाल सरकार

- सड़क दुर्घटना रोकने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों के साथ सीएम अरविंद केजरीवाल ने की उच्च स्तरीय बैठक

नई दिल्ली। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सड़क हादसों को कम करने के लिए की जा रही विभिन्न पहलों को लेकर आज उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान सड़क सुरक्षा से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन कराने पर सहमति बनी। बैठक में बस-लेन प्रवर्तन, फ़रिश्ते स्कीम के प्रभाव का विश्लेषण, 100 स्कूलों पर सेफ्टी जोन का विकास और लेन नियमों का कड़ाई से पालन कराने का निर्णय लिया गया। सीएम ने वाहनों की गति सीमा को लेकर विस्तार से चर्चा की, ताकि शहर की सड़कों पर कोई दुर्घटना न हो और लोग सुरक्षित रहें। सीएम ने अधिकारियों से बस लेन पहल को जारी रखने और उसका सख्ती से पालन कराने को कहा है। साथ ही, यातायात अपराधों के लिए कंपाउंडिंग फीस का 50 फीसद सड़क सुरक्षा कोष में लगाने का निर्देश दिया गया। मुख्यमंत्री अब रोड सेफ्टी को लेकर चल रहे विभिन्न प्रोजेक्ट पर नजर रखने के लिए नियमित रूप से समीक्षा बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने रोड सेफ्टी को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक की जानकारी ट्वीट कर साझा की और कहा की सड़क सुरक्षा को लेकर आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक समीक्षा बैठक की। जिसमें बस-लेन प्रवर्तन, फरिश्ते स्कीम के प्रभाव का विश्लेषण, 100 स्कूलों पर सेफ्टी जोन का विकास और जीरो टॉलरेंस लेन पर महत्वपूर्ण चर्चा और फ़ैसले लिए गए। वाहनों की गति सीमा को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई, ताकि शहर की सड़कों पर कोई दुर्घटना न हो और लोग सुरक्षित रहें। इस उच्च स्तरीय बैठक में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, मुख्य सचिव, परिवहन आयुक्त, आईआईटी एक्सपर्ट, पुलिस विशेष आयुक्त समेत दिल्ली सरकार के कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे।
समीक्षा बैठक के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने विभिन्न प्रोजेक्ट्स और प्रस्तावों का जायजा लिया, जिसमें सड़क सुरक्षा लीड एजेंसी की स्थापना, सड़क सुरक्षा कोष, प्रवर्तन उपाय, सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में कमी का वार्षिक लक्ष्य, दुर्घटना डेटा रिकॉर्डिंग और रिपोर्टिंग, पैदल यात्रियों की सुरक्षा के उपाय, ड्राइविंग लाइसेंस प्रणाली, ब्लैक स्पॉट की पहचान समेत अन्य बिंदु शामिल हैं। साथ ही, दिल्ली सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की। जिसमें परिवहन विभाग की प्रवर्तन शाखा द्वारा बस लेन की पहल, सुरक्षित स्कूल जोन प्रोजेक्ट के तहत स्कूलों में सड़क सुरक्षा क्लबों की स्थापना, जागरूकता अभियान का संचालन, गोल्डन ऑवर ट्रीटमेंट मैकेनिज्म को मजबूत करना, सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन, जिला सड़क सुरक्षा आयुक्तों द्वारा समय-समय पर की जाने वाली बैठकों, दिल्ली सड़क दुर्घटना मृत्यु रिपोर्ट-2020 और 2021, डेटा टू एक्शन रिपोर्ट, अधिकारियों का प्रशिक्षण और एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस आईआरएडी शामिल है।
इस दौरान अधिकारियों ने एक प्रजेंटेशन के जरिए सीएम को अवगत कराया कि राष्ट्रीय और राज्य की सड़कों पर 47 फीसद दुर्घटनाएं होती हैं, जबकि यह सड़क नेटवर्क शहर की सड़कों का मात्र 10 फीसद ही है। आंकड़ों के अनुसार, दुर्घटनाओं के पीछे ओवरस्पीडिंग सबसे प्रमुख कारण है। वाहन चालक चौड़ी सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाते हैं। स्कूल, मेट्रो स्टेशन और व्यवसायिक एरिया में इस तरह की दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। यहां पैदल यात्री सड़कों से अधिक गुजरते हैं।
रोड क्रैश डेथ रिडक्शन टारगेट की समीक्षा करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसकी संख्या पर चिंता व्यक्त की और गोल्डन ऑवर ट्रीटमेंट मैकेनिज्म का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने गोल्डन ऑवर ट्रीटमेंट मैकेनिज्म को मजबूत करने के इरादे से ‘फरिश्ते दिल्ली के’ योजना शुरू की थी, जिसके परिणाम स्वरूप हजारों लोगों की जान बचाई गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से और लोगों की जान बचाने और दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने में मदद मिल सकती है। इस योजना ने पिछले दो वर्षों में लगभग 13,000 मामलों में मुफ्त इलाज प्रदान करने में मदद की है। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस योजना का अध्ययन कर इसके प्रभाव का आकलन किया जाए कि हादसे में गंभीर रूप से घायल कितने लोगों को उपचार दिया गया और कितनों को साधारण चोट चलने पर उपचार दिया गया।
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