नई दिल्ली। संसद के मौजूदा बजट सत्र में सरकार ने बताया है कि नमामि गंगे अभियान के तहत किए जा रहे गंभीर प्रयासों के तहत गंगाजल की निर्मलता और पवित्रता धीरे-धीरे लौट रही है। सरकार का लक्ष्य है गंगाजल को हर घाट पर लोगों के नहाने एवं पीने लायक बनाना। इस दिशा में इन्द्रप्रस्थ संजीवनी शुरू से काम कर रही है। संस्था के अध्यक्ष डॉ. संजीव अरोड़ा गंगापुत्र ने वर्ष 2023 में गंगा स्वच्छता पर 100 संकल्प कार्यक्रम करने का प्रण लिया है। वाराणसी में अस्सी घाट पर संध्या आरती से पहले रोजाना वहां आए श्रद्धालुओं को गंगा स्वच्छता की शपथ दिलाई जाती है।

इसी संकल्प कार्यक्रम के तहत इन्द्रप्रस्थ संजीवनी के अध्यक्ष डॉ. संजीव अरोड़ा गंगापुत्र ने महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से मुलाकात कर उन्हें अपने महाभियान के बारे में बताया। इस अवसर पर डॉ. अरोड़ा ने स्वामी जी को अपनी स्वलिखित पुस्तक मोक्षदायिनी गंगा मैया भेंट की और गंगा स्वच्छता पर उनके विचार जाने। स्वामी अवधेशानंद गिरि जी ने गंगा स्वच्छता पर संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में और तेजी लाई जाए ताकि गंगा मैया शीघ्रता से निर्मल और पवित्र हो सकें। इस अवसर पर संस्था के संरक्षक श्री जगदीश भाटिया ‘मोदी जी’ भी उपस्थित थे।