नई दिल्ली। सनातन धर्म और हिंदू राष्ट्र पर अपने वक्तव्यों लेकर बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों काफी चर्चा में हैं। उन पर विराधियों के निजी हमले जारी हैं। इसलिए सनातन धर्म की रक्षा के लिए और उन्हें समर्थन देने के लिए दिल्ली में राजघाट पर इन्द्रप्रस्थ संजीवनी के नेतृत्व में कई सामाजिक संस्थाओं और महामंडलेश्वर स्वामी हितेश्वर नाथ जी एवं स्वामी चंद्रबलि शर्मा जी सहित कई संतों ने मानव-श्रृंखला बनाई।
इसकी जरूरत के बारे में संस्था के अध्यक्ष डॉ. संजीव अरोड़ा गंगापुत्र ने कहा कि बहुत सह लिया हमने, अब और सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेंगे। एक युवा संत सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगे हैं, लेकिन समाज में कुछ तत्व हैं जो उन पर बुरी नीयत से आरोप लगा रहे हैं। हमारा स्पष्ट मानना है कि शास्त्री जी संत हैं, कोई जादूगर नहीं। क्योंकि जादूगर तमाशे दिखाते हैं, जबकि संत अपने अंतर्ज्ञान से चमत्कार करते हैं। और फिर शास्त्री जी अपने पुरखों की गद्दी संभाल रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि लोग सोचते हैं कि इसमें साधु-संतों को आगे आना चाहिए, लेकिन मैं सोचता हूं कि यह सामाजिक संस्था का भी तो काम है। क्योंकि संत हमें सनातन धर्म के प्रति जागरूक कर रहे हैं। ऐसे में हमने कुछ सामाजिक संस्था एवं संत-महात्माओं के साथ राजघाट पर मानव श्रृंखला बनाकर बागेश्वर धाम के प्रति अपना समर्थन प्रकट किया।
चूंकि यह सवाल धर्म का नहीं, बल्कि आस्था का है। और आस्था पर कोई चोट करे, यह हम होने नहीं देंगे। बापू ने अंत समय में हे राम का उच्चारण किया था। और बागेश्वर धाम की पीठ पर बैठकर एक संत श्रीराम के गुणगान कर रहे हैं, श्री हनुमान की महिमा गा रहे हैं, सनातन धर्मावलंबियों को एक होने का संदेश दे रहे हैं तो उनसे कैसी दुश्मनी? हां, उनसे रंजिश केवल यह हो सकती है कि उनके प्रवचन में ज्यादा श्रद्धालुओं की संख्या हो रही है। लेकिन यह तो किसी की निजी जलन हो सकती है। हम ऐसी ताकतों की कड़ी आलोचना करते हैं और सनातन धर्म के प्रति अपनी गहरी निष्ठा प्रकट करते हैं। जैसा कि बापू करते थे। इसलिए आज हम राजघाट पर बागेश्वर धाम के समर्थन में खड़े हैं।