नई दिल्ली। शिरोमणी अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने दिल्ली कमेटी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका पर पंथक अदालत में मुकदमा चलाकर धार्मिक कानून के तहत कार्यवाई की बात कही है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्ववादी ताकतों के पगड़ीधारी एजेंट श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पुराने हस्तलिखित स्वरूपों को आग की लपटों में डालकर मिटाने की योजना बना रहे है, जिसे संगत कभी बर्दाशत नहीं करेगी।
सरदार परमजीत सिह सरना ने कहा भला हो पाकिस्तान की सरकार का जिन्हें समय रहते हरमीत सिंह कालका और उनके वास्तविक आका मनजिन्दर सिंह सिरसा की साजिश का पता चल गया वरना भाजपा के दोनों पूर्व विधायकों ने 200 पुरातन स्वरूपों को भारत लाकर खुर्द पुर्द करने की योजना को अंजाम दे देना था। कालका-सिरसा जोड़ी के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के बाद, सरना ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से आग्रह किया कि वह सिख धर्म और इतिहास के विद्वानों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाकर पाकिस्तान भेजें ताकि श्री ननकाना साहिब में उन सरूपों की स्थिति की जांच की जा सके।
सरदार परमजीत सिह सरना ने कहा की सिख समुदाय की ओर से, हम जत्थेदार साहिब से कालका, उनके वास्तविक मालिक और उनके पूरे गिरोह पर जवाबदेही तय करने का भी आग्रह करते हैं, जो एकतरफा उद्देश्यों के लिए पाकिस्तान से विरासत सरूपों की मांग कर रहे हैं। वे पश्चिमी पंजाब से हस्तलिखित सरूप प्राप्त करने जैसी महत्त्वपूर्ण चीज में सिख अस्थायी प्राधिकरण और एसजीपीसी की सर्वाच्च सीट को शामिल नहीं करने के लिए गुरु पंथ को स्पष्टीकरण देते हैं। आगमन पर हस्तलिखित सरूपों के दाह संस्कार की साजिश रचने के लिए वे धार्मिक दंड के पात्र है।