राजेंद्र गोयनका की पुस्तक ‘संपूर्ण समाधान’ का विमोचन 

Release of Rajendra Goenka's book 'Sampoorna Samadhan'

नई दिल्ली। प्रभात प्रकाशन द्वारा संविधान क्लब, नई दिल्ली के स्पीकर हॉल में ‘संपूर्ण समाधान’ पुस्तक का  विमोचन किया गया। यह पुस्तक राजेंद्र गोयनका द्वारा लिखित एक दूरदर्शी कृति है, जो भारत के ज्वलंत सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर व्यावहारिक और नीति-निर्माण योग्य समाधान प्रस्तुत करती है।
इस महत्वपूर्ण आयोजन में नीति-निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों, प्रशासकों और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया और भारत की प्रमुख चुनौतियों तथा उनके समाधान पर गहन विचार-विमर्श किया। सी. आर. पाटिल जी ने किया पुस्तक का विमोचन
पुस्तक का औपचारिक विमोचन केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल जी द्वारा किया गया। अपने उद्बोधन में उन्होंने नीतिगत सुधारों और समावेशी विकास की दिशा में इस पुस्तक की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह राजेंद्र गोयनका जी ने समाज के विविध समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया है, उसी तरह हर जागरूक नागरिक को आगे आकर समाज की समस्याओं के हल निकालने के लिए सहयोग देना चाहिए। मुझे विश्वास है कि यह पुस्तक नीति-निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करेगी और भारत के भविष्य को दिशा देने में सहायक सिद्ध होगी।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मभूषण राम बहादुर राय ने की। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक प्रशासनिक और आर्थिक सुधारों में बदलाव लाने की क्षमता रखती है और भारत की नीति-निर्माण प्रक्रिया में इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश डिज़ाइन एंड रिसर्च संस्थान की अध्यक्ष क्षिप्रा शुक्ला जी और पूर्व सांसद एवं अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विजय सोनकर शास्त्री भी उपस्थित रहे। उन्होंने कृषि, अर्थव्यवस्था, न्याय प्रणाली और शासन सुधारों से संबंधित इस पुस्तक में निहित महत्वपूर्ण विचारों पर प्रकाश डाला।
पुस्तक का महत्व और इसकी विषयवस्तु
‘संपूर्ण समाधान’ भारत के सामाजिक-आर्थिक सुधारों का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। इसमें अर्थव्यवस्था, प्रशासनिक सुधार, कृषि विकास, कर नीति, न्याय प्रणाली, शिक्षा के आधुनिकीकरण और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर गहन शोध और ठोस रणनीतियाँ दी गई हैं।
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नई के पूर्व कुलपति प्रो. राममोहन पाठक जी ने पुस्तक के प्रमुख निष्कर्षों को साझा करते हुए इसके व्यापक प्रभावों पर चर्चा की।
पुस्तक विमोचन के अवसर पर लेखक राजेंद्र गोयनका ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि समस्याएँ जीवन में निराशा लाती हैं, जबकि समाधान उत्साह को जन्म देते हैं। इस दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका हल न हो। महत्वपूर्ण यह है कि हम समस्या की जड़ तक पहुँचें और सकारात्मक सोच के साथ समाधान खोजें। हमारा प्रयास हमेशा समस्या का हिस्सा बनने की बजाय समाधान का हिस्सा बनने का होना चाहिए।”
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