जनता का पैसा है तो उस पर पहला हक़ भी जनता का ही है: केजरीवाल

जनता का पैसा है तो उस पर पहला हक़ भी जनता का ही है: केजरीवाल
-केजरीवाल ने लॉन्च किया “रेवड़ी पर चर्चा” कैंपेन, “आप” दिल्ली भर में लोगों से करेगी चर्चा, लोगों को बताएगी कि भाजपा को वोट दिया तो ये 6 रेवड़ियां बंद हो जाएंगी
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों को और धार देते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को “रेवड़ी पर चर्चा” कैंपेन लॉन्च किया। कैंपेन के तहत “आप” दिल्ली भर में अरविंद केजरीवाल द्वारा दी जा रही मुफ्त की 6 रेवड़ियों 24 घंटे बिजली, पानी, शानदार शिक्षा, सरकारी अस्पतालों में शानदार इलाज,महिलाओं को बस यात्रा और बुजुर्गों को तीर्थयात्रा पर चर्चा करेगी और लोगों को बताएगी कि भाजपा को वोट दिया तो ये 6 रेवड़ियां बंद हो जाएंगी। इस दौरान उन्होंने मुफ्त की छह रेवड़ियों का पोस्टर भी जारी किया, जिसमें उनका विस्तार से जिक्र है। यह कैंपेन 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलेगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता का पैसा है तो उस पर पहला हक़ भी जनता का ही है। अब बहुत जल्द सातवीं रेवड़ी भी आने वाली है, जिसमे हर महिला के अकाउंट में हर महीने हजार-हजार रुपए डालने की शुरुआत की जाएगी।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रेवड़ी पर चर्चा कैंपेन लॉन्च कर कहा कि दिल्ली के चुनाव सिर पर हैं और आज से हम पूरी दिल्ली के अंदर एक नया कैंपेन लॉन्च करने जा रहे हैं। उस कैंपेन का नाम रेवड़ी पर चर्चा है। पूरी दिल्ली के हर गली-मोहल्ले और सोसाइटी के अंदर मिलाकर 65 हजार मीटिंग की जाएंगी। छोटी-छोटी मीटिंग की जाएंगी। उन छोटी-छोटी मीटिंग्स के अंदर हमारे कार्यकर्ता, मंडल अधिकारी, मंडल अध्यक्ष, बूथ अधिकारी, बूथ अध्यक्ष और उनकी टीम, साथ ही ऊपर के हमारे जितने कार्यकर्ता और पदाधिकारी हैं वो जनता के बीच में जाएंगे, उनसे बात करेंगे और पेम्प्लेट्स बांटेंगे। इस पेम्प्लेट्स के जरिए हम जनता को यह बता रहे हैं कि दिल्ली में हमने काम तो बहुत सारे किए। आने वाले 15 दिनों का यह हमारा कैंपेन है। यह हमारे कैंपेन का फेज 1 है, जो 25 नवंबर से शुरू होगा और 10 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान हम गली-गली, मोहल्ले और सोसाइटी में जाएंगे और जनता के बीच अपनी ये सारी बातें रखेंगे। हमें पूरी उम्मीद है कि 15 दिन के अंदर हम दिल्ली का एक-एक घर इस पूरे कैंपेन से कवर कर लेंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि दिल्ली की जनता तैयार है।
भाजपा शासित राज्य में दिल्ली में मिल रही छह रेवड़ियों में से एक भी रेवड़ी नहीं मिलती: केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोटे-मोटे तौर पर 6 मुफ्त की रेवड़ियां हमने दिल्ली के लोगों को दी हैं। प्रधानमंत्री जी कई मंचों से और कई बार यह बोल चुके हैं कि केजरीवाल दिल्ली में मुफ्त की रेवड़ी दे रहा है, यह मुफ्त की रेवड़ी बंद होनी चाहिए। हम दिल्ली की जनता को बताना चाहते हैं कि हां, हम यह 6 मुफ्त की रेवड़ियां दे रहे हैं। भाजपा खुलेआम कह रही है कि यह 6 मुफ्त की रेवड़ियां बंद होनी चाहिए। दिल्ली की जनता हमें बताए कि यह 6 मुफ्त की रेवड़ियां चाहिए या नहीं चाहिए। यह मुफ्त की 6 रेवड़ियां, 6 सुविधाएं हैं, जो हमने दिल्ली की जनता को दिल्ली की जनता के पैसे से दी हैं। भाजपा कहती है कि यह मुफ्त की सुविधाएं बंद होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि यह 6 सुविधाएं बंद होनी चाहिए। अगर भाजपा आ गई तो यह सुविधाएं बंद कर देगी। आज देश के 20 राज्यों में भाजपा की सरकार है। आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में से किसी भी राज्य में एक भी रेवड़ी जो हम दिल्ली में दे रहे हैं, वो नहीं है। तो जब 20 राज्यों में नहीं है, तो यहां भी नहीं देंगे। जाहिर सी बात है कि ये यहां भी इसे बंद कर देंगे। उनका कमिटमेंट है कि यह नहीं होना चाहिए।
हमने जो काम किया, वो जनता के बीच में है:मनीष सिसोदिया
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज चुनाव की रणभेरी बज रही है। चुनाव का वक्त है और हमें जनता के बीच जाना है। हमने क्या किया, क्यों किया? इस पर जनता के साथ बहुत गंभीरता से बात करनी है। हमने जो काम किया, वो जनता के बीच में है। जनता के जीवन में जो बदलाव आए हैं। क्यों किया? वो भी लोगों के बीच में है। 2012 में आम आदमी पार्टी बनने से पहले मैं और अरविंद केजरीवाल जब दिल्ली या देश के अलग-अलग हिस्सों में जाते थे तो देखते थे कि किस तरह से सरकारें लोगों की जिंदगी से एकदम दूर हैं। लोग इज्जत की जिंदगी जीना चाहते हैं। लोग इस तरह की जिंदगी जीना चाहते हैं कि उनके ऊपर इज्जत से जीना एक बोझ ना बनें। लेकिन हम देखते थे कि सरकारें उनसे पूरी तरह से कटी हुई हैं। सरकारें अपनी धुन में काम कर रही हैं। लोगों की जिंदगी अपनी धुन में चल रही है। लोग राशन का भ्रष्टाचार झेल रहे हैं। सरकारें बड़े-बड़े फव्वारे लगवा रही हैं।
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