जिस सेबी अध्यक्ष का अडानी की फर्जी कंपनियों में हिस्सेदारी, उसी से पीएम मोदी ने कराई अडानी के हजारों करोड़ के घोटाले की जांच: संजय सिंह
नई दिल्ली। अडानी के घोटोले को लेकर आई हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट के बाद आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने अडानी को बचाने के लिए सेबी अध्यक्ष से उसके घोटाले की जांच कराई। हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट बताती है कि सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने लगभग 10 मिलियन डॉलर उन्हीं फर्जी कंपनियों में लगाए हैं, जिनकी इन्हें जांच करनी थी। मोदी जी को हिंडनबर्ग के नए खुलासे की भनक लग गई थी। इसलिए उन्होंने तीन दिन पहले ही संसद का सत्र समाप्त करा दिया। उन्होंने कहा कि जब मैंने संसद में अडानी के इस घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई और इसका खुलासा किया तो मोदी सरकार ने मुझे जेल भेज दिया। केंद्र की भाजपा सरकार ने कोर्ट से सही तथ्य को छिपाया है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेना चाहिए। देश के आम लोगों का 8 लाख 50 हजार करोड़ रुपए डूबने के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। मोदी जी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और जेपीसी से इसकी जांच कराई जानी चाहिए।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि अडाणी के भ्रष्टाचार को उजागर करने की सजा मुझे 6 महीने जेल में रखकर दी गई। देश की संसद में मैंने प्रधानमंत्री जी के सामने नारा लगाया था कि मोदी-अडाणी भाई-भाई, देश बेचकर खाई मलाई। 18 महीने पहले हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट आई थी, जिससे पूरा देश और दुनिया अचंभित रह गए थे। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि अडाणी ने दुनिया के तमाम घोटालेबाजों को इकट्ठा करके और भारत से मनी लॉन्ड्रिंग करके चैंग चुंग लींग और नासिर अली के जरिए मॉरीशस में फर्जी कंपनियां बनाईं। उन्हीं कंपनियों के जरिए गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने भारत में अपनी कंपनियों के शेयर्स को ओवरवैल्यू किया। यानी कंपनियों को वास्तविक मूल्य से ज्यादा दिखाकर उसमें पैसा डलवाया। जबकि शेयर का वास्तविक दाम उतना नहीं था। इसके बाद भी फर्जी कंपनियां बनाकर विनोद अडाणी के माध्यम से हजारों करोड़ों रुपये भारत में अडाणी की कंपनी में लगाकर उसके शेयर के दाम बढ़ाए गए। जब हमारे देश के छोटे और मध्यम वर्गीय लोग उन शेयरों को खरीदते हैं, तो कुछ दिनों में उन शेयरों के दाम घटने से उनका पैसा डूब जाता है।
संजय सिंह ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम के जरिए देश के लाखों कर्मचारियों के पेंशन का पैसा इस शेयर मार्केट में लगाया जाता है। एलआईसी का पैसा भी शेयर मार्केट में लगता है। अगर वहां इस तरह का घोटाला हो रहा है, तो यह अडाणी का नहीं, इस देश के आम आदमी का पैसा डूब रहा है। क्योंकि अडाणी ने पहले ही भ्रष्टाचार करके अपनी जेबें भर रखी हैं। देश के लाखों-करोड़ों लोग जो अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा शेयर बाजार में लगाते हैं, वो डूब रहे हैं। जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से खुलासा हुआ तो शेयर मार्केट में देशवासियों के 8 लाख 50 हजार करोड़ रुपए डूब गए।
संजय सिंह ने कहा कि मैंने उस समय जोर-शोर से मांग उठाई थी कि जेपीसी बनाकर इस मामले की जांच की जाए। इस मामले की सच्चाई पता लगाई जाए। क्योंकि हमारे देश के लोगों का पैसा डूब रहा है। अडाणी ने विदेशों में फर्जी कंपनियां बनाकर अपनी कंपनियों के शेयर्स के दाम बढ़ाए हैं। यह खुलेआम मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का मामला है। लेकिन मेरी एक आवाज नहीं सुनी गई। उल्टा मोदी जी ने आदेश दिया कि इसे पकड़कर जेल में डाल दो। इसलिए मुझे उठाकर जेल में डाल दिया गया। मैं 6 महीने तक जेल में रहा। मेरा जुर्म केवल यही था कि मैंने संसद में मोदी-अडाणी भाई-भाई, देश बेचकर खाई मलाई का नारा लगाया और इनके सच को दुनिया के सामने लाकर रख दिया।
संजय सिंह ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में यह मामला गया, तो कोर्ट ने कहा कि सेबी इस पूरे मामले की जांच करेगा। इसके बाद सेबी ने अपनी जांच करके रिपोर्ट दाखिल की। सेबी ने मई 2023 में जो रिपोर्ट दाखिल की वो बेहद हास्यास्पद है। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह इससे जुड़े 13 मामलों की जांच कर रहा है और अंत में कहता है कि हमें नहीं पता कि यह जांच कितने समय तक चलेगी, यह एक दिशाहीन जांच है। कुछ गड़बड़ी हुई है, लेकिन हम बता नहीं सकते कि यह गड़बड़ी किसने की है। सेबी ने अपनी रिपोर्ट में ऐसा क्यों कहा, इसका खुलासा हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट ने किया है।
संजय सिंह ने कहा कि हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट बताती है कि सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने लगभग 10 मिलियन डॉलर उन्हीं फर्जी कंपनियों में लगाए हैं, जिनकी इन्हें जांच करनी थी। यानी सेबी अध्यक्ष को जिस भ्रष्टाचार की जांच करनी थी, वहीं पर उनका लगभग 10 मिलियन डॉलर पैसा लगा हुआ है। एक विसिल ब्लोअर के माध्यम से इसका खुलासा हुआ। यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि जिन कंपनियों की जांच की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को सौंपी थी, उसकी अध्यक्ष माधवी बुच ने यह क्यों नहीं बताया कि वह इसकी जांच नहीं कर सकती, क्योंकि उनके और उनके पति का पैसा भी उन्हीं फंड्स में लगा है, जिसे विनोद अडाणी मैनेज करता है।
संजय सिंह ने कहा कि 18 महीने पहले इस देश की जनता के 8 लाख 50 हजार करोड़ रुपये डूबे थे। उस समय मेरी एक नहीं सुनी गई थी। प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, भ्रष्टाचार को खत्म करने और भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने की गारंटी देते हैं। उन्होंने तेलंगाना की एक सभा में कहा था कि अडाणी-अंबानी टैंपो में पैसा भरकर कांग्रेस को पहुंचाते हैं। वह देश के प्रधानमंत्री होकर इतना बड़ा आरोप लगाते हैं। लेकिन जब चुनाव के बाद उनका शपथ समारोह होता है तो, भारतीय सेना के सर्वाेच्च पद के अधिकारी पीछे बैठते हैं और अडाणी उनसे आगे बैठता है। यह प्रधानमंत्री मोदी की असलियत है।
संजय सिंह ने कहा कि इस रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि सेबी अध्यक्ष की सारी जांच निराधार है। सुप्रीम कोर्ट में अडाणी की जांच पर उसकी कही हुई किसी भी बात या रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं है। सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि उससे सच्चाई छिपाई गई है। केंद्र की भाजपा सरकार ने कोर्ट में झूठ बोला है। इस नए खुलासे के बाद इसका संज्ञान लेना चाहिए। भारत के लोगों के 8 लाख 50 हजार करोड़ रुपये डूबने के लिए केवल प्रधानमंत्री मोदी जिम्मेदार हैं। जब तक वो पद पर रहेंगे, तब तक अडाणी के भ्रष्टाचार की जांच नहीं हो सकती। प्रधानमंत्री में अगर जरा भी नैतिकता है, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उनको देश का प्रधानमंत्री बने रहने का हक नहीं है। ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी के जरिए ही इसकी जांच हो सकती है, जो पहले दिन से हमारी मांग रही है।
संजय सिंह ने कहा कि सेबी में कॉरपोरेट गवर्नेंस एंड इनसाइडर ट्रेडिंग के पद पर कार्यरत सिरिल श्रॉप अडाणी के समधी हैं और दूसरी तरफ सेबी के अध्यक्ष ने खुद उनके फंड में पैसे लगाए हैं। इस देश की जनता के लाखों करोड़ रुपए डूबे हैं। भारत के प्रधानमंत्री मोदी और उनके दोस्त गौतम अडाणी इसमें शामिल हैं।