दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन टूटा, विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी आप

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन टूट गया है। आम आदमी पार्टी की ओर से आज ये स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव वह अकेले लड़ेगी। कांग्रेस के साथ सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया गया था।दरअसल, आज आम आदमी पार्टी ने विधायकों की मीटिंग बुलाई थी। इस मीटिंग के बाद दिल्ली के संयोजक गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। दिल्ली विधानसभा के चुनाव 2025 की शुरुआत में होनेवाले हैं।

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद गुरुवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों और शीर्ष नेताओं की अहम बैठक हुई। इसमें चुनाव के नतीजों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई। इस संबंध में आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने बताया कि पार्टी ने 13 जून को सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने का निर्णय लिया है। अरविंद केजरीवाल समेत हमारे कई नेता अभी जेल के अंदर हैं। इस तानाशाही के खिलाफ हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। आप के सभी विधायक शनिवार-रविवार को अपने विधानसभा के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और चुनाव आचार संहित हटते ही क्षेत्र में विकास कार्य तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर भाजपा ‘‘आप’’ को खत्म करना चाहती थी। इन विपरित हालातों में भी हमारे कार्यकर्ता एकजुट रहे और भाजपा के धन-बल व 400 पार के नारे का कड़ा मुकाबला किया। इंडिया गठबंधन लोकसभा के लिए है। विधानसभा चुनावों को हम जनता के साथ मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे।
लोकसभा चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी के विधायकों की पहली अहम बैठक आहुत हुई। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन एवं सांसद डॉ. संदीप पाठक, सांसद संजय सिंह, एनडी गुप्ता, राघव चड्ढा, दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय, कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी, कैलाश गहलोत, इमराह हुसैन समेत सभी विधायक मौजूद रहे। इस दौरान पार्टी ने शीर्ष नेताओं ने लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा की और भविष्य की रणनीति पर विचार विमर्श किया।
गोपाल राय ने कहा कि बैठक में 13 जून को प्रदेश के सभी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने का निर्णय लिया गया है। जैसे आज सभी विधायकों के साथ मीटिंग की है, वैसे ही 8 जून को सभी पार्षदों के साथ भी मीटिंग की जाएगी। आज पूरी दिल्ली मिलकर इस तानाशाही के खिलाफ लड़ रही है। जनता के साथ मिलकर हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी। इस लड़ाई को हम आगे और मजबूती के साथ लेकर जाएंगे। एक तरफ हम इस तानाशाही के खिलाफ लड़ेंगे और दूसरी तरफ आचार संहिता हटने के बाद रुके हुए विकास कार्यों को हम फिर से तेज करेंगे।
गोपाल राय ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन और आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली के अंदर पिछले दो चुनाव से ये ट्रेंड बना हुआ है कि लोकसभा चुनाव में लोग अलग वोट करते हैं और विधानसभा चुनाव में अलग वोट करते हैं। दिल्ली के लोगों ने पिछले लोकसभा चुनाव के इस पैटर्न को दोहराया है। विधानसभा में भी पिछला पैटर्न दोहराया जाएगा। इसलिए हमने इसपर फोकस किया है कि अब हम दिल्ली के विकास कार्य को युद्ध स्तर पर शुरु करेंगे। इंडिया गठबंधन में कांग्रेस का समर्थन करने से नतीजों में जीत-हार का अंतर कम हुआ है। इस बार परिस्थितियां हमारे विपरीत थीं। जिस दिन अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया, बीजेपी यह सपना देख रही थी कि आम आदमी पार्टी खत्म हो जाएगी, पार्टी का कार्यकर्ता टूट जाएगा और विधायक डर जाएगा। पूरे देश में इसी बात की चर्चा थी। अब तक हम जो चुनाव लड़ते रहे और इस चुनाव में जमीन आसमान का फर्क था।
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