नई दिल्ली। भीषण गर्मी के बीच हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली के हिस्से का पानी रोक देने से राज्य में जल संकट की स्थिति पैदा हो गई है। दिल्ली सरकार ने अपने नागरिकों को इस संकट से राहत दिलाने के लिए मंगलवार को कई एहतियाती कदम उठाए हैं। जल मंत्री आतिशी ने अपील करते हुए कहा कि दिल्ली जल संकट का सामना कर रही है। इसलिए दिल्लीवासी पानी को जरा भी बर्बाद न करें। हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली के हिस्से का कच्चा पानी रोका जा रहा है। इसके चलते यमुना का जल स्तर लगातार घट रहा है। इसी के मद्देनजर सरकार ने फैसला किया है कि जिन इलाकों में दिन में दो बार पानी आता है, वहां अब एक बार आएगा। उस बचे पानी को उन इलाकों में दिया जाएगा, जहां ज्यादा दिक्कत है। दिल्लीवासी अपनी कारों को खुली पाइपों में न धोएं और टंकियों से पानी ओवर फ्लो होने बचाएं। उन्होंने बताया कि मई महीने से ही हरियाणा ने दिल्ली को पानी देना कम कर दिया है। एक मई को यमुना का जल स्तर 674.5 फीट था, जो 28 मई को घटकर 669.8 फीट पर आ चुका है। इसलिए दिल्ली में पानी की किल्लत हो रही है।
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने सचिवालय में प्रेसवार्ता कर जल संकट से बचने के लिए दिल्लीवासियों से कुछ एहतियात बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि सबको पता है कि दिल्ली अपनी पानी की आपूर्ति के लिए यमुना नदी पर निर्भर है। यमुना में कितना पानी आता है, यह हरियाणा पर निर्भर करता है। हरियाणा जितना पानी छोड़ेगा, उतना यमुना में आएगा। जब से मई का महीना शुरू हुआ है, हरियाणा ने यमुना में पानी छोड़ना बंद कर दिया है। एक मई से लगातार यमुना का जल स्तर गिर रहा है। एक मई को यमुना जल स्तर 674.5 फीट था। यमुना का जल स्तर औसतन 674.5 फीट लगातार बनाए रखना होता है। अगर हम 2023 के अप्रैल, मई और जून महीने में देखे तो वजीराबाद में 674.5 फीट का जल स्तर हमेशा बना रहा। लेकिन इस साल एक मई से ही हरियाणा ने दिल्ली को अपने हिस्से का पानी देना कम कर दिया है और यमुना का जल स्तर लगातार गिर रहा है।
जल मंत्री आतिशी ने बताया कि एक मई को यमुना का जल स्तर वजीराबाद पर 674.5 फीट था, जबकि एक सप्ताह में 8 मई तक जल स्तर गिरकर 672 फीट पर आ गया। पानी का स्तर लगातार गिरता रहा और 20 मई को जल स्तर 671 फीट पर आ गया, जबकि 24 मई तक जल स्तर 670.2 फीट पर आ गया और 28 मई को जल स्तर 669.8 फीट पर आ गया है। जब हरियाणा से यमुना नदी में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ा जाता है तो इसका नतीजा यह होता है कि जो पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में आ रहा है, उसकी मात्रा घट जाती है। जब कच्चे पानी की मात्रा घट जाती है तब पानी जो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पानी को ट्रीट करके दिल्ली के अगल- अलग हिस्सों में भेजते हैं, उसकी मात्रा भी घट जाती है। इसी का नतीजा है कि पिछले एक सप्ताह में दिल्ली के कई इलाकों में पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है।
आतिशी ने बताया कि हमने पानी की कमी को पूरा करने के लिए बोरबेल को चलाने का समय दोगुना कर दिया। जो बोरबेल 6-7 घंटे चलते थे, अब वो 14 घंटे तक चलाए जा रहे हैं। वाटर टैंकर की संख्या भी बढ़ाई गई है। चूंकि यमुना नदी में पानी का स्तर लगातार घट रहा है, इसलिए हमें आज से कुछ और कदम उठाने पड़ रहे हैं। आज से दिल्ली के जिन हिस्सों में दिन में दो बार पानी की सप्लाई की जाती थी, उसको कम कर दिया गया है। अब इन इलाकों में दिन में एक ही बार पानी की सप्लाई दी जाएगी। दूसरी बार सप्लाई होने वाला पानी बचाकर उन इलाकों में भेजा जाएगा, जहां पर बिल्कुल पानी नहीं आ रहा है, जहां पर 15-20 मिनट पानी आ रहा है। सेकेंड टाइम के पानी को एकत्र करके ज्यादा प्रभावित इलाकों में उसकी आपूर्ति दी जाएगी।
आतिशी ने कहा कि जिन इलाकों में दिन में दो बार पानी आ रहा है, वहां पर एक टाइम का पानी काटने से लोगों को परेशानी होगी, लेकिन मेरी सभी दिल्लीवासियों से अपील है कि हम सब केवल अपने बारे में न सोचें, बल्कि सभी दिल्लीवालों के बारे में सोचें। हम आज एक विकट परिस्थिति में खड़े हैं। हरियाणा द्वारा दिल्ली का कच्चा पानी रोका जा रहा है। आज की परिस्थिति में हम दिल्ली के कुछ हिस्सों को बिल्कुल जीरो वाटर सप्लाई पर नहीं छोड़ सकते। मुझे पता है कि सबको परेशानी होगी, लेकिन मेरा अनुरोध है कि सभी दिल्लीवासी में इसमें सहयोग करें।
एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते सभी दिल्लीवासी पानी की बर्बादी रोकें: आतिशी
आतिशी ने सभी दिल्लीवासियों से अपील करते हुए कहा कि चाहे आपके इलाके में पानी की समस्या हो या न हो, लेकिन आप पानी का इस्तेमाल बहुत तर्क संगत करें। आज दिल्ली में पानी की आपूर्ति बहुत घट गई है, कई हिस्सों में बिल्कुल पानी की सप्लाई नहीं है। इसलिए एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सभी की जिम्मेदारी है कि जिसके पास पर्याप्त पानी की सप्लाई आ रही है, वो पानी को जरा भी बर्बाद न करे। अपनी गाड़ियों को खुली पाइप से न धोएं, कहीं पर पानी की सप्लाई का इस्तेमाल गाड़ियां धोने में न किया जाए। क्योंकि गाड़ी धोने में पानी की बहुत बर्बादी होती है। आज भी मैंने साउथ दिल्ली कई आवासीय एरिया में देखा कि लोगों के घरों के बाहर गाड़ियां धोने से पानी बह रहा है। मेरी सभी से अपील है कि आप सप्लाई के पानी से गाड़ियां न धोएं। अगर अगले एक-दो दिन में सार्वजनिक अपील से काम नहीं चलता है तो संभव है कि पानी के अधिक इस्तेमाल पर चालान लगाया जा सकता है।