नई दिल्ली। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दिनांक 5 से 7 जनवरी 2024 तक अखिल भारतीय पुलिस प्रमुखों का वार्षिक सम्मेलन राजस्थान की राजधानी जयपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्याख्यानों से समापन हो गया।
दिल्ली पुलिस अराजपत्रित अवकाश प्राप्त अधिकारी एसोसिएशन के अध्यक्ष छिददा सिंह रावत ने कहा कि वैसे हमने एशोसिएशन के कार्यकारिणी प्रमुख सदस्यों के हाथों दिनांक 5 जनवरी को गृहमंत्री अमित शाह को उनके सचिव द्वारा दिल्ली पुलिस के लाखों जवानो और उनके परिवार के जनकल्याण हेतु आवश्यक कार्यवाही के लिए ज्ञापन सौंप दिया है। लेकिन लंबे समय से जिस तरह दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों के प्रति सरकार की उदासीनता दिख रही है वह बहुत सोचनीय है। उन्होने कहा कि पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलनों में सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए और वास्तविक रूप से भारतीय अराजपत्रित पुलिस औफिसर्ज संगठनों के साथ बैठक कर समस्याओ का हल निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली पुलिस अराजपत्रित कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी से भी उनके सुझाव आमंत्रित करने चाहिए और पुलिस सुधारो पर लंबे से चल रहे चर्चा पर लगाम लगाना चाहिए।
उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पुलिस सुधारों के 2006 के आदेशों की अनदेखी, अधिक कार्यभार से हर वर्ष जवानों द्वारा आत्महत्या,स्वास्थ्य के प्रति जवानो का ध्यान न देना, अन्य राज्य के वनिस्पत वेतन विसंगतियों जैसे जटिल मुद्दे भी जनसेवकों के साथ सत्तासीनों को समाधान हेतु आवश्यक कार्यवाही के लिए पहल करना चाहिए। उन्होने कहा कि हम आश्वासित भी हैं कि भारत सरकार और दिल्ली पुलिस प्रशासन 16 फ़रवरी तक हमारे दिये गए ज्ञापन पर संज्ञान लेकर समाधान हेतु आवश्यक कार्यवाही करेगी।
संगठन के संयोजक सुरेंद्र सिंह के मुताबिक 1967 में जो पुलिस आंदोलन हुआ था उसमें भी छिददा सिंह रावत सक्रिय भूमिका अदा की थी और 20 साल के बाद में सुरीम कोर्ट के आदेश से दिल्ली पुलिस में बहाल हुए थे जो 2002 में रिटायर होने के बाद रिटायर एसोसिएशन द्वारा संघर्षरत है एसा लगता है कि वे आखिरी सांस तक पुलिसकर्मियों के लिए संघर्षित रहेंगे!