दिल्ली के 6 जिलों में कोरोना के मामले, सतर्क रहें

- दिल्ली के दक्षिण-पूर्व जिले में सबसे ज्यादा 0.81 फीसदी मामले, दक्षिण-पश्चिम में सबसे कम 0.10 फीसदी मामले

नई दिल्ली। देश में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच दिल्ली के करीब आधे जिले पूरी तरह से अछूते हैं। इन जिलों में कोरोना का एक भी मामला नहीं है। वहीं अन्य छह जिलों में भी एक फीसदी से भी कम मामले हैं। दिल्ली में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले दक्षिण-पूर्व जिले 0.81 फीसदी हैं। वहीं सबसे कम दक्षिण-पश्चिम जिले में 0.10 फीसदी मामले हैं।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की जिलेवार कोविड-19 परीक्षण सकारात्मकता दर के मुताबिक दिल्ली के 11 जिलों में पांच जिलों में कोरोना की सकारात्मकता दर शून्य है। इन जिलों में मध्य, उत्तर पूर्व, उत्तर पश्चिम, शाहदरा और पश्चिम दिल्ली शामिल हैं। इन जिलों में लगातार आरटीपीसीआर और आरएटी से जांच हो रही हैं। जांच के बाद भी यहां पर सभी मामले निगेटिव पाए गए।

विशेषज्ञों की माने तो इस मौसम में फ्लू के मामले ज्यादा आते हैं। इनके लक्षण कोविड की तरह होते हैं। इन मरीजों की कोरोना की जांच के बाद रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना के लक्षणों के साथ आ रहे सभी मरीजों की कोविड-19 जांच की जा रही है। इन जांच में 99 फीसदी से अधिक मरीज की रिपोर्ट नकारात्मक पाई गई। ऐसे में फिलहाल चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन फ्लू परेशान कर सकता है। दोनों के लक्षण करीब एक जैसे हैं और दोनों मरीजों की समस्या को बढ़ा सकता है।

जिला संक्रमण दर
दक्षिण पूर्व 0.81

दक्षिण 0.54

नई दिल्ली 0.43
उत्तर 0.36
पूर्व 0.33
दक्षिण पश्चिम 0.10

मध्य 0.00

उत्तर पूर्व 0.00
उत्तर पश्चिम 0.00

शाहदरा 0.00

पश्चिम 0.00

कोरोना के 10 नए मामले

दिल्ली में सोमवार को कोरोना के 10 नए मामले सामने आए, जबकि आठ मरीजों को सोमवार को छुट्टी दी गई। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार दिल्ली में कोरोना के कुल सक्रिय मामले 45 हो गए हैं। रविवार तक यह आंकड़ा 43 था। इन मामले में आठ मरीजों की संख्या घट गई है। दिल्ली में अभी तक कोरोना के 2014493 मामले आ चुके हैं।

वायरस की चपेट में बच्चे

सर्दियों के दौरान बच्चे आसानी से फ्लू के वायरस की चपेट में आ जाते हैं। इन दिनों कई तरह के वायरस सक्रिय रहते हैं। कई बार एक ही बच्चा या व्यक्ति अलग-अलग वायरस की चपेट में आ जाते हैं। जिस कारण लंबे समय तक बीमार रहते हैं। इनमें कोरोना जैसे लक्षण होते हैं लेकिन रिपोर्ट नकारात्मक होती हैं।

एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉक्टर डॉ. मनाली अग्रवाल ने कहा कि फ्लू के लिए इन्फ्लूएंजा वायरस, पैरेन्फ्लुएंजा, रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस आमतौर पर बच्चों में देखा जाता है। इन दिनों बच्चों में इनके मामले आम बात हैं। इन वायरस के कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं। जबकि अन्य लोगों में एसएआरएस सीओवी 2 वायरस, स्ट्रेप्टोकोकस और स्टैफिलोकोकस जैसे बैक्टीरिया का प्रभाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के मामले बढ़ने के दौरान फ्लू पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कई बार दोनों के लक्षण एक जैसे होते हैं।

फ्लू सामान्य लक्षण

बुखार
खांसी
सांस लेने में कठिनाई
थकान

गला खराब होना
बहती नाक
शरीर में दर्द, सिरदर्द
उल्टी करना

दस्त

 

कोरोना संक्रमित रोगियों में स्वाद या गंध में परिवर्तन या हानि

रखें सावधानी
मास्क पहनना
सामाजिक दूरी

बार बार हाथ धोना

गर्भवती महिलाओं का रखे विशेष ध्यान
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच डॉक्टरों ने गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है। डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली में करीब आधी महिलाएं कमजोर हैं। ऐसे में यदि उन्हें संक्रमण लगता है तो समस्या बढ़ सकती है।
डॉक्टर डॉ. मनाली अग्रवाल का कहना है कि इन दिनों फ्लू के साथ कोरोना के मामले भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इन महिलाओं को अपने साथ गर्भ में पल रहे बच्चे का भी ध्यान देना होता है। इसके अलावा कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग, बच्चे, बूढ़े रोगियों, पहले से किसी गंभीर बीमारी या पहले से श्वसन रोग से पीड़ित मरीज को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इन समस्याओं की रोकथाम के लिए डॉक्टर की सलाह पर उपयुक्त टीकाकरण करवाना चाहिए।

 

 

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