नई दिल्ली। इलाज को प्रभावी और सुलभ बनाने के लिए जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (जेएसएसएच) चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान नजफगढ़ के साथ मिलकर शोध करेंगे। यह कहना है जेएसएसएच के चिकित्सालय अधीक्षक कर्नल (डॉ.) एच.सी. शर्मा का। शुक्रवार को चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान, खेड़ा डाबर में पोस्ट ग्रेचुएट बैच 2023-24 के नए छात्रों के लिए भारतीय चिकित्सा प्रणाली राष्ट्रीय आयोग के पीजी संस्कार कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा विश्व की सबसे प्राचीन पद्धति है। इसमें अनुसंधान की प्रबल संभावनाएं हैं। जेएसएसएच चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान के साथ मिलकर इस दिशा में समन्वयक अनुसंधान करेगा। वहीं इस दौरान पदम् भूषण व पदम् श्री वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा ने कहा कि यह संस्थान आयुर्वेद के क्षेत्र में देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक है, यहां की ओपीडी एवं आईपीडी पूरे देश में सर्वाधिक है, सभी पीजी के छात्रों को यहां अध्ययन, चिकित्सा एवं अनुसन्धान के क्षेत्र में बहुत कुछ सीखने का अवसर मिलेगा। संस्थान के निदेशक प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. एम.बी गौड़ ने कहा कि संस्थान सभी पी.जी. छात्रों की अनुसंधान में हर संभव सहायता के लिए तैयार है। कार्यक्रम के प्रारंभ में ओ. एस. डी. एवं इंचार्ज एकेडेमिक डॉ. पूजा सभरवाल ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर प्रो (डॉ.) भारत भोयर, अतिरिक्त निदेशक (शैक्षणिक), डॉ सुमेर सिंह, चिकित्सालय अधीक्षक, डॉ. पंकज कुमार कटारा, प्रशासनिक अधिकारी एवं समस्त संकाय सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुधीर कुमार, कार्यक्रम समन्वयक ने किया।