दिल्ली में 24 घंटे खुलेंगी दुकानें, दिल्ली सरकार ने दी मंजूरी
-सीएम केजरीवाल ने 83 और दुकानों-व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खोलने की दी अनुमति
नई दिल्ली। दिल्ली में नाइट लाइफ, आर्थिक गतिविधि और रोजगार को बढ़ावा देने के इरादे से केजरीवाल सरकार ने 83 दुकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठनों को 24 घंटे संचालित करने की अनुमति दी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के श्रम विभाग से मिले प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। ये व्यवसायिक प्रतिष्ठान शॉप, कमर्शियल, रेस्टोरेंट, एस्टीब्लिशमेंट, रिटेल ट्रेड कटेगरी ही हैं। दुकान स्वामियों को दिल्ली शॉप एस्टीब्लिशमेंट एक्ट 1954 में दिए गए प्रावधानों और नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। सरकार इन दुकानों की निगरानी भी करती रहेगी, ताकि कोई नियमों का उल्लंघन करे तो उस पर कार्रवाई की जा सके। इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के 24 घंटे संचालित होने से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। अब एलजी से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद ये दुकानें 24 घंटे संचालित हो सकेंगी।
दिल्ली शॉप एंड एस्टिब्लिशमेंट्स एक्ट 1954 के तहत दिल्ली के श्रम विभाग के पास 24 घंटे दुकानों का संचालन करने के इच्छुक 122 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। श्रम विभाग द्वारा इन आवेदन पत्रों और दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई, जिसमें पाया गया कि 122 आवेदनों में से 29 आवेदन पत्रों में कमियां हें। इस आधार पर इन आवेदनों पर विचार नहीं किया गया। जबकि 83 आवेदन पत्रों के दिल्ली शॉप एंड एस्टिब्लिशमेंट्स एक्ट 1954 के नियमों के अनुसार सभी जरूरी दस्तावेज सही पाए गए। इसलिए इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के आवेदन को स्वीकृति दी गई है।
व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के स्वामियों को दिल्ली शॉप एस्टिब्लिशमेंट्स एक्ट 1954 की धारा 14, 15 व 16 में दिए गए प्रावधानों का कड़ाई से पालन करना होगा। मसलन, गर्मियों के मौसम में रात 9 से सुबह 7 बजे तक और ठंड के मौसम में रात 8 से सुबह 8 बजे के दौरान किसी भी प्रतिष्ठान में महिला कर्मचारियों को काम करने की अनुमति नहीं होगी। दुकानों को तय समय के अंदर ही खोलना और बंद करना होगा। इसका उल्लंघन करने पर दुकान बंद कराई जा सकती है। अगर ग्राहक इंतजार कर रहे हैं तो दुकान खोलने के लिए 15 मिनट अतिरिक्त समय मिलेंगे। अलग-अलग इलाकों में दुकानों को खोलने या बंद रखने का अलग-अलग समय निर्धारित हो सकता है और स्वामियों को उसका पालन करना होगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली के अंदर 24 घंटे दुकानों व व्यसायिक प्रतिष्ठानों के संचालन की अनुमति लेने वालों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा पिछले कुछ सालों 635 दुकानों-व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे संचालित करने की अनुमति दी जा चुकी है। इससे पहले, सीएम ने बीते अगस्त में 29 दुकानों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को अनुमति दी थी, जिसके बाद इनकी संख्या बढ़कर 552 हो गई थी। अब 83 और दुकानों को अनुमति मिलने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 635 हो गई है। वहीं, दूसरी ओर 1954 से 2022 तक करीब 68 साल के अंदर सिर्फ 269 दुकानों व प्रतिष्ठानों को 24 घंटे संचालन की अनुमति दी गई थी।
दरअसल, केजरीवाल सरकार दिल्ली के अंदर व्यवसायिक गतिविधियों के अनुकूल माहौल तैयार करने को लेकर बेहद गंभीरता से काम कर रही है, ताकि इसे बढ़ावा मिल सके। सरकार ने व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और आर्थिक विकास को मजबूत करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल के सकारात्मक रूख के चलते ही 24 घंटे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को संचालित करने के इच्छुक दुकान स्वामियों की संख्या बढ़ती जा रही है। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे संचालन की अनुमति देने के पीछे सरकार का उद्देश्य रोजगार के अधिक अवसर पैदा करना और दिल्ली की अर्थव्यवस्था के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। इससे व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों पर समान रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। साथ ही, व्यापारियों को ज्यादा समय तक सेवा प्रदान करने की अनुमित मिलने से जनता को भी बेहतर सुविधाएं मिलेगी और वे 24 घंटे आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग कर पाएंगे।
वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली के अंदर इंस्पेक्टर राज पूरी तरह से खत्म हो गया है। अब दुकानों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के संचालन को लेकर आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। इससे व्यापारियों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाना नहीं पड़ रहा है। आवेदन करने के चार सप्ताह के अंदर ही सत्यापन कार्य पूरा कर लिया जाता है। इसके अलावा, दिल्ली में दुकानों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे संचालित करने की अनुमति देने का निर्णय दिल्ली में व्यापार और “इज ऑफ डूइंग बिजनेस” को बढ़ावा देने के सरकार के विजन को दर्शाता है। इसके अलावा, यदि कोई आवेदक अपेक्षित अनुमोदन प्राप्त करने में विफल रहता है, तो भी सरकार आवेदक को गाइडलाइन के अनुसार अपनी कमियों को सुधारने और दोबारा अनुमोदन प्राप्त करने का अवसर देती है।