नई दिल्ली। नई दिल्ली के कॉस्टिट्यूशन क्लब में आयोजित एक समारोह में त्रिपुरा के रेज़िडेंट कमिशनर के रूप में तैनात 2008 बैच की आईएएस अधिकारी सोनल गोयल की पहली पुस्तक ‘नेशन कॉलिंग होलिस्टिक अप्रोच टू यूपीएससी सिविल सर्विसेज़ एक्ज़ामिनेशन’ का केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू के हाथों विमोचन हुआ। लेखिका की माने तो यह पुस्तक सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं को प्रेरित, प्रोत्साहित करने के साथ ही परीक्षा के तीनों चरणों को सफलतापूर्वक पार करने में उनका मार्गदर्शन करेगी।
इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के तौर पर जमिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख़्तर; भारी उद्योग मंत्रालय में संयुक्त सचिव, डॉ. हनीफ़ क़ुरैशी कस्टम्स, सेंट्रल एक्साइज़ एंड सर्विस टैक्स सेटलमेंट कमीशन के चेयरमैन संदीप कुमार एवंद स्मगलर्स एंड फ़ॉरेन एक्सचेंज मैनिपुलेटर्स एक्ट के अंतर्गत ऐपेलेट ट्रिब्यूनल के सदस्य बालेश कुमार शामिल रहे। इसके अलावा कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित सरकारी अधिकारी, नामचीन शिक्षाविद्, दिग्गज़ पत्रकारों समेत कई नामचीन हस्तियां मौजूद रहीं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र विशेषकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे युवा भी शामिल हुए। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुएमुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू जी ने कहा कि, नेशन कॉलिंग पुस्तक केवल यूपीएससी एस्पिरेंट्स के लिए ही नहीं, बल्कि हर उस युवा के लिए उपयोगी है जो अपने जीवन आगे बढ़ते हुए नई ऊंचाइयों को छूना चाहता है। पुस्तक में साझा की गई इंसाइट्स महत्वाकांक्षी लक्ष्यों वाले सभी व्यक्तियों के लिए मूल्यवान हैं। प्रत्येक महत्वाकांक्षी युवा को इस पुस्तक को अवश्य पढ़ना चाहिए। उन्होंने अनगिनत युवाओं को उत्कृष्टता की दिशा में प्रेरित और प्रोत्साहित करने की क्षमता रखने वाली इस पुस्तक की सफलता हेतु अपनी शुभकामनाएंव्यक्तकीं। कार्यक्रम की सम्मानित अतिथि, जमिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रोशनजमा अख़्तर ने अपने सम्बोधन में कहा कि सोनल लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं। उनकी किताब ‘नेशन कॉलिंग’ एक बेहतरीन और कॉमप्रिहेंसिव गाइड है,जो पाठकों को सक्षम एवं सशक्त बनाने और उन्हें यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफ़ल होने के लिए आवश्यक जानकारी, रणनीतियों और मानसिकता से लैस करने में मददगार साबित होगी।
अपने लेखकीय संबोधन में सोनल गोयल, आईएएस ने एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अपनी 15 साल लम्बी यात्रा केकुछ किस्से साझा किए। उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने देश की सेवा करने की अपनी इनर कॉलिंग की सुनकर अपने जमे-जमाए कॉरपोरेट करियर को पीछे छोड़कर सिविल सेवा में जाने का फ़ैसला लिया। यही कारण है कि उन्होंने इस पुस्तक का नाम ‘नेशन कॉलिंग’ रखा है।
उन्होंने आगे कहा कि उनकी पुस्तक, नेशन कॉलिंग, केवल शब्दों का पुलिंदा नहीं है बल्कि इसके एक-एक पृष्ठ पर आशा की अनेक किरणें, और ज्ञान और अनुभवकाभंडार है, और उस क्षमता का एक वसीयतनामा है हम सबके भीतर है।
कार्यक्रम के अंत में सोनल गोयल के पति एवं भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी आदित्य यादव ने सभी अतिथिगण, छात्रों, मीडिया आदि का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के समापन के बाद सोनल गोयल किताबों पर हस्ताक्षर करतीं नज़र आयीं। किताब की हो रही सराहना
एक उत्कृष्ट प्रेरणास्रोत के रूप में, सोनल गोयल की पुस्तक के लिए उनकी बहुत सराहना हो रही है। आईएएस सोनल गोयल ने बताया कि, ये किताब उनके लिए बहुत मायने रखती है, इस पुस्तक में उन्होंने अपने लगभग दो दशक के ज्ञान और अनुभव का निचोड़ साझा किया हैं, जो छात्रों विशेषकर सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं का मार्गदर्शन करेगी और उन्हें प्रेरणा देगी।