नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में मगध फाउंडेशन के कार्यकारिणी समिति का तृतीय अधिवेशन संपन्न हुआ। अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए मगध फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष सह झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि भारत के वैदेशिक नीति में सुधार हो, इसके लिए मगध कालीन भारत के संप्रभु राष्ट्र अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश,बर्मा और सांस्कृतिक एवं राजनीतिक रूप से साथ रहे श्रीलंका के साथ मिलकर ग्रेटर इंडिया फेडरेशन (वृहद भारत संघ) बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इन आठ भ्रातृ देशों के साथ कला, संस्कृति, आध्यात्मिकता, सामाजिक बातचीत और आर्थिक सहयोग के माध्यम से हमारे संबंधों को मजबूत करने का उद्देश्य रखते हैं। इसमें सांस्कृतिक आदान-प्रदान, सामाजिक बातचीत, और आर्थिक अवसरों का अन्वेषण शामिल है। इन सभी साथी देशों के साथ एकीकृत विदेश नीति बनानी चाहिए, जिसमें वृहत भारत संघ की विदेश नीति एक हो। सभी साथी देशों के लिए नई रक्षा नीति बनानी चाहिए, जिसमें रक्षा व्यय को कम करके धन को अपने लोगों के रहन सहन के उन्नति में लगाने का प्रावधान किया जाना चाहिए और इन देशों की सुरक्षा की गारंटी भारत वृहद भारत संघ को सौंपा जाना चाहिए। कार्यकारिणी समिति ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए निर्णय लिया कि मगध फाउंडेशन का एक प्रतिनिधिमंडल इन सुधारों को लागू करने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित भारत सरकार को मांग-पत्र सौंपेगा।अधिवेशन में मगध फाउंडेशन के महासचिव डॉ अजय ओझा, कोर कमेटी के वरीय सदस्य सी एस दुबे, के डी सिंह, राकेश शंकर शेट्टी, एम जितेंद्र, पाण्डेय प्रदीप शर्मा, अरविंद माँझी, सुनील चौबे, बबन पासवान, डॉ अरविंद तिवारी, डॉ साकेत शुक्ला, डॉ शूलपाणि सिंह, मृगेंद्र तिवारी, शंकर सुमन, झारखंड स्टेट हेड राजेश रंजन, तमिलनाडु हेड व्यंकटेश रामराज, प. बंगाल हेड देबाशीष दत्ता, राजस्थान हेड डॉ वरुण पुरोहित सहित देश के विभिन्न राज्यों से कार्यकारिणी समिति के सैकड़ों सदस्य उपस्थित रहे।
त्रिपाठी ने कहा,चुनाव में वोट की प्रतिशत 50 से 60 प्रतिशत होने से चुनाव के प्रतिफल में सभी वोटरों की सहमति नहीं हो पाती है। कई जगह 10 प्रतिशत वोट प्राप्त करने वाले भी चुनाव जीत जाते हैं, इसलिए 90 प्रतिशत वोटिंग के लिए व्यवस्था को संशोधित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पोलिंग बूथों को अधिकतम 400 वोट के लिए तैयार किया जाना चाहिए ताकि लोग आसानी से वोट डाल सकें साथ ही वोट देने वालों को प्रमाण पत्र मिलना चाहिए और इस प्रमाण पत्र को व्यक्तिगत सरकारी लाभ से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि वोट देने वालों को सरकारी योजनाओं से फायदा के कारण वोट प्रतिशत बढ़े। लोकसभा और विधानसभा में आरक्षित सीटों को हर 15 वर्ष में रोटेशन के आधार पर बदल देना चाहिए, जिससे हर क्षेत्र में दलित आदिवासी और अन्य सक्षम नेताओं को अवसर मिल सके। देश में भ्रष्टाचार को रोकना महत्वपूर्ण है। उद्योगपतियों द्वारा राजनेताओं को गैरकानूनी तरीके से वित्त प्रदान करना या उद्योगपतियों द्वारा राजनीतिक दलों को अधिक चंदा देने की सीमा पर पूर्ण रोक लगाना चाहिए। उद्योगपतियों द्वारा चंदा के कारण ही नेता उनको फायदा पहुंचाने के लिए गलत करते हैं।