ग्रामीणों के आंदोलन ने रंग लाना शुरू किया, उपराज्यपाल ने मानी समस्त मांगे

-उपराज्यपाल ने पालम 360 खाप के प्रधान चौ. सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में आए ग्रामीणों व भाजपा नेताओं के साथ बैठक की

नई दिल्ली। पालम 360 खाप के बैनर तले ग्रामीणों की मांगों, उनके ऊपर थोपे गए करों व नियमों के संबंध में शुरू हुए आंदोलन ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को उपराज्यपाल ने पालम 360 खाप के प्रधान चौ. सुरेंद्र सोलंकी व अनेक खापों के प्रतिनिधि चौ. धारा सिंह, चौ. नरेश, त्रिभुवन यादव, सुरेश शौकीन के साथ ग्रामीणों के मद्दों पर बैठक की। इस दौरान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, सांसद रमेश बिधूड़ी एवं प्रवेश साहिब सिंह, प्रदेश महामंत्री कमलजीत सहरावत, किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत आदि भी मौजूद थे।
इस मौके पर उपराज्यपाल ने उनकी मांगों पर सहमति जताते हुए उन्हें पूरा करने का आश्वासन दिया। उपराज्यपाल ने कहा कि उनकी मांगे पूरी करने के लिए कुछ समय की आवश्यकता है। उनका प्रयास है कि उनकी मांगों को आगामी एक माह के दौरान पूरा कर दिया जाएगा। वहीं चौ. सुरेंद्र सोलंकी ने ऐलान किया कि वह उपराज्यपाल की बातों से सहमत है, लेकिन वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे। वह मांगें पूरी नहीं होने तक उन्हें पूरा कराने के लिए विभिन्न स्तर पर उठाने का सिलसिला रखेंगे। इसके अलावा वह अपने आंदोलन के तहत तय किए गए कार्यक्रम करेंगे।
उन्होंने उपराज्यपाल से आग्रह किया कि सभी गांवों में हाउस टैक्स पूरी तरह से माफ किया जाए, म्यूटेशन प्रक्रिया को पुनः बहाल किया जाए, डीएलआर एक्ट की धारा-81 और धारा-33 के तहत कार्यवाही को समाप्त किया जाए और सरकार की ओर से ग्रामवासियों के विरूद्ध धारा-81 में दर्ज पुराने मामलों को तुरन्त वापस लिया जाएए धारा-74 (4) के अंतर्गत गांव के भूमिहीनों, पूर्व सैनिकों व उनकी विधवाओं आदि को ग्रामसभा की भूमि में आवंटित रिहायशी व कृषि भूमि के पट्टों को मालिकाना हक दिया वाए, दिल्ली सरकार की ओर भूमि अधिग्रहण करने के बावजूद अभी तक वैकल्पिक प्लॉटों से वंचित लोगों को तुरंत वैकल्पिक प्लॉट आवंटित किए जाए, ग्राम सभा की जमीनों का दिल्ली सरकार की ओर से डीडीए को हस्तान्तरण पर रोक लगाकर उनका इस्तेमाल प्रत्येक गांव के लोगों को जन सुविधाएं उपलब्ध कराने व विकास कार्यों में इस्तेमाल किया जाए, लैंड पूलिंग व जीडीए पॉलिसी के बारे में किसानों के पक्ष में अभी तक विभिन्न संबंधित पक्षों के सुझावों व मांगों को ध्यान में रखते हुए किसानों के हित में निर्णय लेने की कार्यवाही की जाए, सभी गांवों में लाल डोरे का जल्द से जल्द विस्तार किया जाएए स्वामित्व योजना को दिल्ली में भी लागू किया जाए, भूमि अधिग्रहण पर पड़ोसी राज्य हरियाणा की तुलना में दिल्ली में मिल रही मुआवजा राशि बहुत कम है जिसे तुरंत उसी उचित मात्रा में बढ़ाया जाए।

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