रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट से पीड़ित युवती को डॉक्टरों ने दिया नया जीवन

 

नई दिल्ली। चिकित्सा जगत में एक और अद्भुत प्रदर्शन करते हुए श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में स्पाइनल सर्जरी और रिहैबिलिटेशन के चीफ डॉक्टर एचएस छाबड़ा के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने सही समय पर उचित सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। एक 19 वर्षीय लड़की सुश्री ऐश्वर्या सैनी को हमलावरों से अपना बचाव करते समय रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लग गई थी, जिसके बाद उसके जीवन में कोई उम्मीद नहीं बची थी परंतु डॉक्टरों के समर्पण और सही समय पर सफल इलाज के माध्यम से अब उन्हें जीवन में नई आश जगी है।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की रहने वाली ऐश्वर्या के भी डॉक्टर बन मरीजों की सेवा करने के सपने थे। हालांकि उसके सपने तब चकनाचूर हो गए जब इसी साल अप्रैल में उसके साथ एक भयानक घटना घटी, वह अपने दादाजी के साथ घर पर अकेली थी तभी दो नकाबपोश बदमाशों से उसका आमना सामना हो गया, फिर ऐश्वर्या हमला कर रहे बदमाशों से बचने के लिए छत पर पहुंची और मदद के लिए चिल्लाई, लेकिन अफसोस अपराधियों ने उसे दूसरी मंजिल से ही धक्का दे दिया जिसके बाद वह नीचे गिर गई और उनकी रीढ़ की हड्डी गंभीर रूप से चोटिल हो गई, जिसके परिणाम स्वरुप उनकी पसली के नीचे पक्षघात हो गया।

15 अप्रैल को श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में गंभीर रूप से पीड़ित ऐश्वर्या को लाया गया, जहां डॉक्टर एचएस छाबड़ा के नेतृत्व में अनुभवी विशेषज्ञों की एक टीम ने सफल ऑपरेशन के द्वारा ऐश्वर्या को भविष्य में ठीक होने की नई किरण दिखाई। इसके अलावा उसे मानसिक तौर पर भी सही करने के लिए डॉक्टरों के निर्देशन में जीवन जीने की नई आश मिल रही है।

ऐश्वर्या की स्थिति की गंभीरता के बारे में विस्तार से बात करते हुए डॉ एचएस छाबड़ा ने बताया कि अस्पताल में जांच करने पर पता चला कि उसकी रीड की हड्डी में चोट के साथ फ्रैक्चर डिसलोकेशन टी 12 एल 1 था। हमने माता-पिता से बात की और इस बात पर जोर देते हुए की चोट के 48 घंटों के भीतर पेरिअनल संवेदना और वॉल्यून्ट्री एनल कंस्ट्रक्शन की कमी भी न्यूरोलॉजिकल रिकवरी पर निर्भर करेगा। इस तरह की रिकवरी के बिना निचले अंगों में न्यूरोलॉजिकल बहाली की संभावना बेहद कम होगी। प्रारंभिक हस्तक्षेप के बाद बेहतर परिणामों के साक्ष्य को देखते हुए उसी दिन तत्काल सर्जरी की गई, जिसमें सामान्य एनेस्थीसिया के तहत टी 1- एल 1- एल 2 पेडीकल स्क्रु फिक्सेशन और डीकंप्रेशन शामिल था।

इस महत्वपूर्ण 48 घंटे बाद भी दुर्भाग्यवश पेरिअनल संवेदना और वॉल्यून्ट्री एनल कंस्ट्रक्शन अनुपस्थित रहे। मेडिकल स्टाफ ने परिवार को इस बारे में सूचित किया, जिससे ऐश्वर्या और उनके प्रियजनों को गहरा दुख हुआ। हालाँकि, उन्हें सलाह दी गई कि व्यापक पुनर्वास के साथ ऐश्वर्या के लिए व्हीलचेयर से भी सामान्य जीवनशैली में वापस आना संभव होगा। इसके बाद श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की टीम ने ऐश्वर्या और उसके परिवार का पूरा सपोर्ट किया, जिससे अब उसे अपने सपनों को जीने में एक नई उम्मीद जगी है और व्हीलचेयर से भी वह अपनी चुनौतियों को पार कर सकती है।

इसी प्रकार से उम्मीदों की किरण में और पंख तब लग गए जब जांच के दौरान यह पता चला कि ऐश्वर्या के पैरों में फिर से संवेदना आ रही है। 2 जून को उसके जन्मदिन पर अगली जांच से यह पता चला की पेरिअनल सनसनी और वॉल्यून्ट्री एनल कंस्ट्रक्शन ठीक हो रहा है और व्यापक पुनर्वास के माध्यम से ऐश्वर्या बाधाओं को मात देते हुए धीरे-धीरे अपने पैरों और कार्यक्षमता में ताकत हासिल कर रही है।

डॉक्टरों का आभार व्यक्त करते हुए ऐश्वर्या ने कहा कि मैं डॉक्टरों और पूरी टीम की बहुत आभारी हूं जिन्होंने मुझे मेरी पूरी ताकत वापस पाने की उम्मीद दी है। उन्होंने मुझे व्हीलचेयर के माध्यम से नई चुनौतियों को पार करने की हिम्मत दी और प्रोत्साहित किया। मैं अब अपने जीवन में इन चुनौतियों को आनंद के रूप में ले रही हूं और अब मैं बेहद ही उत्साहित हूं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.