दरअसल, पेड़ों के एक पैच के चलते साइट के निर्माण कार्य में बाधा पैदा हो रहा है। इसके चलते निर्माण एजेंसी ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण और वन विभाग को एक पत्र लिखा था। पत्र के माध्यम से साइट को खाली करने के लिए 214 पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपण करने की मंजूरी मांगी थी। इस पर डिफेंस फोर्स के लिए मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय हित में पेड़ों के पैच को साफ करके काम में तेजी लाने के लिए सहमति दी है। उधर, प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए सीएम ने कहा कि इस प्रस्ताव को एलजी के समक्ष रखा जाएगा। सरकार ने कहा है कि चिन्हित परियोजना स्थल के पास ही प्रत्यारोपण किया जाएगा। सरकार की ओर से साइट पर अप्रूव किए गए और चिंहित पेड़ों के अलावा एजेंसी एक भी अन्य पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। अगर एजेंसी द्वारा अप्रूव किए गए पेड़ों के अलावा किसी भी पेड़ को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा।
दस गुना लगाने होंगे पेड़
दिल्ली सरकार ने एजेंसी के लिए पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपित करने के बदले में दस गुना पेड़ लगाना अनिवार्य किया है। ऐसे में वो 2,14 पेड़ों को हटाने के बदले 2,140 नए पौधे लगाएगी। इन पौधों को चिंहित स्थान पर लगाया जाएगा, जिन्हें पेड़ों को स्थानांतरित करने की अनुमति जारी होने की तारीख से 3 महीने के अंदर लगाया जाएगा। सरकार की ओर से अप्रूव किए गए प्रस्ताव के अनुसार पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपण के बदले में दिल्ली की मिट्टी व जलवायु के अनुकूल विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। इनमें नीम, अमलतास, पीपल, पिलखन, गूलर, बरगद, देसी कीकर और अर्जुन समेत अन्य प्रजातियों के पौधे शामिल हैं। इन्हें नॉन फॉरेस्ट लैंड पर 6-8 फीट हाइट के पौधे के रूप में लगाया जाएगा।इसके अलावा जिन पेड़ों को प्रत्यारोपित किया जाना है, इसके लिए आवेदक एजेंसी को आवश्यक शर्तें पूरी करने के तुरंत बाद प्रक्रिया शुरू करनी होगी। यह कार्य 6 महीने के अंदर पूरा करने के लिए कहा गया है।