नई दिल्ली। कर्नाटक में एक बार फिर त्रिशंकु विधानसभा के आसार दिखाईं दे रहे हैं। कोईं भी दल 224 सदस्य कर्नाटक विधानसभा मैं साधारण बहुमत के लिए आवश्यक 123 सीटों के जादुईं आंकड़े को छूता हुआ दिखाईं नहीं दे रहा है। एग्जिट पोल के आंकड़ों के बाद जहां भाजपा को अब भी मोदी मैजिक के चलने का इंतजार है तो वहीं कांग्रेस को राज्य में सत्ता परिवर्तन का रिवाज इस बार भी बने रहने का दावा कर रही है। इस बीच कईं एग्जिट पोल में कांग्रेस और भाजपा को बहुमत भी दिखाया है। फिलहाल पांच एग्जिट पोल ऐसे हैं, जिनमें कांग्रेस को बहुमत मिलता दिखाया गया है।
इसके साथ ही दो एग्जिट पोल में भाजपा की सत्ता वापसी की उम्मीद जताईं गईं है। बाकी में कोईं भी दल भाजपा-कांग्रेस के आसपास नहीं दिखाईं दे रही है। हालांकि, दावा किया जा रहा है कि जेडीएस एक बार फिर किगमेकर बन सकती है।
इस बार 224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा के लिए वुल 2,615 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। इसमें 901 निर्दलीय हैं।
भाजपा ने सभी 224 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, तो कांग्रेस ने 221 सीटों पर। जेडीएस के 208, आम आदमी पाटा के 208, बसपा के 127 प्रत्याशी मैदान में हैं। समाजवादी पाटा ने 14, एनसीपी ने नौ प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। अन्य राजनीतिक दलों के 669 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले 2018 के कर्नाटक चुनाव में 224 सीटों वाली विधानसभा में किसी भी पाटा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। 104 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पाटा बनी। कांग्रेस के खाते में 80 सीटें आईं थीं। जेडीएस के 37 उम्मीदवारों ने चुनाव में जीत दर्ज की थी।
कर्नाटक में शांतिपूर्ण रहा मतदान निर्वाचन आयोग ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को हुआ मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा और ऐसा कोईं संकेत नहीं है कि किसी भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान की आवश्यकता होगी।