दिल्ली नगर निगम की बैठक में हंगामा, हंगामे के बीच कई प्रस्ताव पास
-भाजपा पाषर्दों ने निगम सचिव को पत्र लिखकर सदन की कार्यवाही रद्द करने की मांग की
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की मंगलवार को हुई सदन की बैठक में एक बार फिर हंगामा देखने को मिला। यहां भाजपा पाषर्दों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कथित रूप से 45 करोड़ रुपये अपने आधिकारिक आवास के नवीनीकरण पर खर्च करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वहीं हंगामे के बीच सदन की बैठक में लाए गए प्रस्तावों को पास कर दिया गया।
26 अप्रैल को दूसरी बार लगातार महापौर चुने जाने के बाद महापौर शैली ऑबेरॉय द्वारा सदन की पहली बैठक मंगलवार बुलाई गई थी। करीब 2.30 बजे जैसे ही महापौर सदन में आई वैसे ही भाजपा पाषर्दों ने हाथों में तख्ती लेकर हंगामा शुरू कर दिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारे लगाए। इस बीच महापौर शैली ऑबेरॉय ने सभी से शांति बनाने की अपील करते हुए सदन की कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए। सत्र की शुरुआत छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हाल ही में हुए माओवादी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट के मौन के साथ हुई, जिसमें 10 पुलिसकर्मी और एक नागरिक मारे गए थे। मौन के दौरान भी पाषर्दों द्वारा हंगामा जारी रहा। इसके तुरंत बाद, भाजपा नेताओं, उनमें से कई ने आप विरोधी और केजरीवाल विरोधी संदेशों वाली तख्तियां लेकर सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र फिर से शुरू होने के बाद भी विरोध जारी रहा, हालांकि मेयर ओबेरॉय ने सदस्यों से सदन में व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा। बाद में हंगामे के बीच सदन के एजेंडे की कई मदों को सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करने से पहले पारित किया गया।
जो प्रस्ताव पास हुए उनमें शिक्षा समिति का गठन, विशेष समितियों का गठन, निगम विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के लिए स्टेशनरी व किताबें, दवाइयों की आपूर्ति, निगम की सड़कों को पीडब्ल्यूडी को देना, मैन पावर की कमी को दूर करना, पार्षदों को मिलने वाली सुविधाओं से जुड़े प्रस्ताव को पास किया गया है। वहीं एक प्रस्ताव टोल टैक्स का रैफर बैक हुआ और एक एजेंडे को कमिश्नर ने विड्रा कर दिया था।
भाजपा पार्षदों ने निगम सचिव को सदन की कार्यवाही रद्द करने का मांग पत्र दिया
भाजपा पार्षदों ने एमसीडी हाउस की आज की कार्यवाही रद्द करने की मांग की
इस संदर्भ में पाषर्द शिखा राय एवं संदीप कपूर के नेतृत्व में 10 भाजपा पार्षदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने नगर निगम सचिव कार्यालय में जा कर आज की सदन की कार्यवाही को असंवैधानिक और अवैध बताते हुए एक विरोध पत्र सौंपा और इस बैठक कार्यवाई को रद्द करने की मांग की।
पत्र में यह भी मांग की गई है कि सदन की आज की बैठक के रिकॉर्ड को सार्वजनिक किया जाए।
निगम पर कब्जा करना चाहती है दिल्ली सरकार:शिखा राय
नई दिल्ली। सदन की बैठक स्थगित होने के बाद भाजपा पाषर्द महापौर कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। वह महापौर से मिलाना चाहते थे। धरने पर बैठी भाजपा पाषर्द शिखा राय ने कहा कि सड़कों को अपने अंतर्गत लेने के नाम पर दिल्ली सरकार निगम पर कब्जा करना चाहती है। आज कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी लेकिन मेयर ने बिना किसी कारण के सदन की बैठक स्थगित कर दी और बिना चर्चा के प्रस्तावों को पास कर दिया।