अस्पतालों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के गंभीर मरीज 

- वेंटिलेटर के साथ आईसीयू पर भर्ती मरीजों की संख्या 12 फीसदी से अधिक

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ अस्पतालों में भर्ती गंभीर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कुल कोरोना मरीजों में से 12 फीसदी से अधिक मरीज काफी गंभीर हैं, जिन्हें आईसीयू के साथ वेंटिलेटर पर भर्ती किया गया है। वहीं एक तिहाई मरीजों को आईसीयू को आईसीयू की जरूरत पड़ी है।
डॉक्टरों की माने तो दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कोरोना के गंभीर मरीज अन्य बीमारी से भी पीड़ित हैं। इनमें से ज्यादातर मरीज पहले अन्य बीमारियों का इलाज करवा रहे थे, बाद में कोरोना संक्रमण से उनकी समस्या और विकराल हो गई। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक अप्रैल से 19 अप्रैल तक 49 मरीजों ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया है। इसमें से अधिकतर मरीज की मौत का कारण सीधे कोरोना नहीं था। हार्ट, लंग्स, लीवर, किडनी, डायलिसिस व अन्य के मरीज थे।
डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर प्रताप के मुताबिक कोरोना वायरस भी रूप बदल रहा हैं, जिस कारण ये कोरोना के खिलाफ बने इम्यूनिटी को भी तोड़कर संक्रमित कर रहा हैं। हालांकि इससे सभी को डरने की जरूरत नहीं हैं। जो लोग गंभीर हैं, उन्हें विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत हैं।
दिल्ली के कोरोना एप के अनुसार दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में सबसे ज्यादा 13 गंभीर मरीज मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में तीन मरीज, सफदरजंग अस्पताल में छह मरीज, लेडी हार्डिंग में दो मरीज व अन्य अस्पतालों में गंभीर मरीज भर्ती हैं। इन्हें आईसीयू के साथ वेंटिलेटर पर भर्ती किया गया है। दिल्ली में अभी 47 गंभीर मरीज भर्ती हैं।
अस्पतालों में भर्ती हैं 390 मरीज
दिल्ली सरकार के कोरोना एप के अनुसार बृहस्पतिवार शाम पांच बजे तक 390 मरीज हैं। इनमें से 373 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर, 126 मरीज आईसीयू पर और 47 मरीज आईसीयू के साथ वेंटिलेटर पर भर्ती हैं।
Leave A Reply

Your email address will not be published.