केजरीवाल ने फिर उठाए प्रधानमंत्री की डिग्री पर सवाल

-बोले डिग्री है तो दिखाते क्यों नहीं, इतना अहंकार ठीक नहीं

नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर एक बार फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल उठाए है। केजरीवाल ने कहा कि आज देश के सामने एक ही प्रश्न है कि क्या 21वीं सदी में भारत के प्रधानमंत्री पढ़े-लिखे होने चाहिए? 21वीं सदी का युवा बहुत आकांक्षी है और तेजी से भारत की तरक्की चाहता है। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री का पढ़ा-लिखा होना बहुत जरूरी है। अगर पीएम पढ़े-लिखे होंगे तो कोई बहलाकर कहीं भी उनसे हस्ताक्षर नहीं करा पाएगा। देश में नोटबंदी नहीं होती, जीएसटी ठीक से लागू होता और किसानों के तीन काले कानून नहीं लाए जाते।

प्रधानमंत्री की डिग्री मांगे जाने पर गुजरात हाईकोर्ट द्वारा 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाने पर मीडिया से मुखातिब होते हुए केजरीवाल ने कहा कि अक्सर प्रधानमंत्री के कुछ ऐसे बयान आते रहते हैं, जो देश को विचलित कर देते हैं। मसलन, नाले की गैस से चाय बनाना, बारिश में रडार से बच जाना, ग्लोबल वार्मिंग नाम की कोई चीज नहीं होती और कनाडा में ए प्लस बी इंटू ब्रैकेट स्क्वॉयर जैसे उनके बयानों ने देश को बिचलित किया। ऐसे में गुजरात हाईकोर्ट का ऑर्डर आया है कि प्रधानमंत्री की डिग्री की जानकारी नहीं ले सकते, जबकि आजाद भारत में जानकारी लेना हर नागरिक का अधिकार है। अब देश की जनता के मन में यह सवाल है कि या तो प्रधानमंत्री अहंकार वश अपनी डिग्री नहीं दे रहे हैं या फिर उनकी डिग्री फर्जी है। केजरीवाल ने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट का ऑर्डर आया कि देश के लोग प्रधानमंत्री की शैक्षिक योग्यता के बारे में जानकारी नहीं ले सकते हैं। कोर्ट के इस ऑर्डर से पूरा देश एक तरह से स्तब्ध है क्योंकि हम लोग जनतंत्र में रहते हैं और जनतंत्र के अंदर प्रश्न पूछने और जानकारी मांगने की आजादी होनी चाहिए।

किसी का भी कम पढ़ा-लिखा होना कोई गुनाह नहीं है। किसी का अनपढ़ होना भी कोई गुनाह या पाप नहीं है। हमारे देश में इतनी गरीबी है कि अपने घर की परिस्थितियों और हालात की वजह से बहुत लोगों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की शैक्षिक योग्यता की जानकारी मांगने की वजह बताते हुए कहा कि हमारे देश को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं। इन 75 सालों में देश उतनी तरक्की नहीं कर पाया, जितनी करनी चाहिए थी। आज लोगों में बहुत ज्यादा बेचौनी है और तेजी से तरक्की करना चाहते हैं। हम 21वीं सदी में रह रहे हैं। 21वीं सदी का युवा बहुत आकांक्षी है और बहुत तेजी से तरक्की व रोजगार चाहता है, महंगाई से छूटकारा चाहता है। 21वीं सदी का युवा चाहता है कि भारत तेजी से तरक्की करे। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री का पढ़ा-लिखा होना बहुत जरूरी है। लेकिन हम देखते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के हर दूसरे-तीसरे दिन कुछ ऐसे बयान आते हैं, जो देश को विचलित कर देते हैं।

प्रधानमंत्री खुद कह रहे हैं कि मैं पढ़ा-लिखा नहीं हूं: केजरीवाल
केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के इन बयानों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि क्या हमारे देश के प्रधानमंत्री पढ़े-लिखे हैं और कितने पढ़े-लिखे हैं? हमने प्रधानमंत्री के कुछ वीडियो देखे। प्रधानमंत्री एक भाषण में कह रहे हैं कि मैं पढ़ा-लिखा नहीं हूं। मैं गांव के स्कूल गया था। उससे ज्यादा मेरी कोई पढ़ाई नहीं हुई है।

अमित शाह ने दिखाई थी प्रधानमंत्री की डिग्री: केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि कुछ वर्ष पहले अमित शाह ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस करके कुछ डिग्री दिखाई थी। अगर डिग्री है और वो सही है तो डिग्री क्यों नहीं दी जा रही है। गुजरात और दिल्ली विश्वविद्यालय डिग्री की जानकारी क्यों नहीं दे रहे हैं? इसलिए देश के लोगों के मन में दो प्रश्न उठ रहे हैं। एक यह कि प्रधानमंत्री अपनी डिग्री इसलिए नहीं दे रहे हैं, क्योंकि उनको अहंकार है कि मैं क्यों दूं। मेरी डिग्री मांगने वाले ये कौन होते हैं? इनकी औकात क्या है?  दूसरा प्रश्न यह उठ रहा है कि प्रधानमंत्री डिग्री इसलिए नहीं दे रहे हैं क्योंकि हो सकता है कि डिग्री फर्जी हो।

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