कितना खतरनाक है कोरोना का नया वैरिएंट और क्या है सरकार की तैयारी
-मुख्यमंत्री ने अरविंद केजरीवाल ने की उच्च स्तरीय बैठक
नई दिल्ली। कोविड-19 की जांच कम होने से दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक चल रहा है। यदि जांच बढ़ती है तो संक्रमण दर में गिरावट हो सकती हैं। दिल्ली में कोरोना की जांच एक लाख तक प्रति दिन हो सकती है। ऐसे में दिल्ली वालों को घबराने की जरूरत नहीं है।
कोरोना की रोकथाम के लिए शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अरविंद केजरीवाल ने उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि आरटी पीसीआर टेस्ट करने की हमारे पास पूरी क्षमता है। प्रतिदिन करीब 4 हजार आरटी पीसीआर टेस्ट हमारे सरकारी लैब में करने की क्षमता है और प्राइवेट लैब्स में प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट करने की क्षमता है। दिल्ली में कोरोना को लेकर अभी घबराने की जरूरत नहीं हैं। जिन छह राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं उसमें दिल्ली शामिल नहीं है। दिल्ली में ज्यादातर एक्स बी बी 1.16 वैरिएंट के मामले मिल रहे हैं। यह ज्यादा गंभीर नहीं हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि नए वैरिएंट का पहले ही पता लगाने के लिए हम सभी मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग करा रहे हैं। एयरपोर्ट पर 2 फीसद यात्रियों की रैंडम जांच की जा रही है। इंफ्लुएंजा जैसे लक्षण वाले 5 फीसद मरीजों का रैंडम टेस्ट किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने लोगों ने अपील की है कि यदि किसी को इंफ्लुएंजा या सांस की बीमारी है तो मास्क जरूर लगाए।
तैयार रहें विभाग
मुख्यमंत्री कोरोना के बढ़ते मामलों पर कड़ी नजर रख हुए हैं। उन्होंने विभाग को हर स्तर पर अपनी तैयारियां मजबूत रखने का निर्देश दिया है, ताकि अगर दिल्ली में केस बढ़े तो लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। बता दें कि गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी।
15 दिन में बढ़े केस
दिल्ली में 15 मार्च को कोरोना के करीब 42 केस थे और 15 दिन के अंदर बढ़कर 30 मार्च को 295 केस हो गए। दिल्ली में अभी कोविड के एक्टिव केस 932 हैं। दिल्ली में कोरोना से अभी तक इस माह तीन मौतें हुई हैं। जिसमें 2 मौतें दो दिन पहले और एक कुछ दिन पहले हुए थी। तीनों मौत की वजह कोमोरबिडिटी भी मानी जा रही है।
सभी की हो रही जीनोम सीक्वेंसिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के 100 फीसदी मामलों का जीनोम सीक्वेंसिंग करा रहे हैं। यदि कोई नया वैरिएंट आता है तो तुरंत पकड़ में आ जाएगा। फिलहाल कोरोना का सर्वाधिक वैरिएंट एक्स बीबी1.16 का आ रहा है। लगभग 48 मामलों में एक्स बीबी1.16 वैरिएंट है और बाकी मामलों में भी इसी वैरिएंट के सब-वैरिएंट हैं। यह वैरिएंट बहुत तेजी से फैल रहा है, लेकिन यह बिल्कुल भी सीवियर नहीं है। ना तो इसमें कोई तेज लक्षण हैं, ना ही ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है और ना ही इसमें मौत ज्यादा होने की चिंता है।
वैक्सीन के बाद भी कर रहा संक्रमित
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्स बी बी1.16 वेरिएंट की सीनियरिटी कम है। यह वैक्सीन लगवाने के बाद भी संक्रमित कर रहा है। दिल्ली के सात-आठ जगहों से सैंपल लेते हैं और उसका टेस्ट करते हैं। अगर कोरोना आता है तो पहले सीवेज में डिटेक्ट होना चालू हो जाता है। फरवरी के मध्य तक इसकी टेस्ट रिपोर्ट दिल्ली में पूरी तरह निगेटिव था। उसके बाद से कुछ सैंपल में पॉजिटिव आना चालू हुआ।
दिल्ली में 7986 बेड तैयार
अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 7986 बेड तैयार हैं। इसमें ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और आईसीयू बेड भी शामिल हैं। इन 7986 बेड्स में केवल 66 बेड पर ही मरीज हैं।