दिल्ली नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 16 हजार करोड़ का बजट पास 

-दिल्ली नगर निगम की विशेष बैठक में दी गई मंज़ूरी

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के एकीकरण के बाद बुधवार को पहली बार निगम का बजट पेश हुआ। जिसमें सत्ता पक्ष के सभी प्रस्ताव पास हुए वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा द्वरा लाये गए 11 प्रस्ताव रिजेक्ट कर दिए गए।
 बुधवार को दिल्ली नगर निगम सदन में वर्ष 2022-23 का प्रस्तावित और वर्ष 2023-24 का अनुमनित 1602355 करोड़ के बजट को पारित कर दिया। बजट पर सत्तापक्ष आम आदमी पार्टी (आप) भाजपा के पार्षदों द्वारा चर्चा के बाद निगम सदन ने बजट को हरी झंडी दी।
गौरतलब है कि निगमायुक्त द्वारा दिसम्बर में प्रस्तुुत किए पर चर्चा कर उसे पारित कर लागू करने के लिए पहले मंगलवार को सदन की विशेष बजट बैठक का आयोजन किया गया, लेकिन पक्ष व विपक्ष की इस मांग पर कि उन्होंने अभी बजट का अध्ययन नहीं किया है, महापौर ने एक दिन का समय बजट के अध्ययन के लिए दे दिया। बुधवार को निगम  बजट बैठक का फिर आयोजन किया। बैठक बजट को पारित करने से पूर्व पर सत्तापक्ष आप व भाजपा की ओर से बजट पर नोकझोक व नारेबाजी के बीच बजट पर चर्चा की गई। इस दौरान महापौर (मेयर) डॉ. शैली ओबरॉय  ने कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हम निगम को नंबर एक बनाए। आप पार्षदों ने जहां निगम में भाजपा के पिछले 15 साल के शासन को कुशासन बताया, वहीं भाजपा सदस्यों आप पर हमला बोला।
बैठक शुरू होते ही नगर निगम में बजट पर चर्चा के दौरान महापौर ने कहा कि निगम के एकीकरण के बाद यह पहला बजट है। दिल्ली वालों की इस पर निगाहें हैं। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हम निगम को नंबर एक बनाए। स्वच्छ रैकिंग में शीर्ष तीन में निगम होना चाहिए। हम निगम को बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। बैठक शुरू होते महापौर ने समय कम होने का हवाला देते हुए कहा कि कुछ ही सदस्य बजट पर अपने वक्तव्य रखें, लेकिन  विपक्ष ने कहा कि इस तरह से बजट पर पूरा चर्चा नहीं हो सकेगी। लेकिन महापौर ने कहा कि दोनो पक्ष से चार-चार सदस्य ही चर्चा कर सकेंगे। इसपर सदन में दोनों ओर से शोर-गुल शुरू हो गया। इसी बीच महापौर ने चर्चा के लिए विपक्ष की भाजपा पार्षद कमलजीत सहरावत को चर्चा शुरू करने के लिए कहा।
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