शैली ओबरॉय बनी दिल्ली की महापौर,आले मोहम्मद इक़बाल बने उप महापौर

-महापौर चुनाव में आप ने मारी बाजी, महापौर और उप महापौर पद पर किया कब्ज़ा

आसिफ खान
 नई दिल्ली। लंबे इंतेजार के बाद बुधवार को आखिरकार दिल्ली के महापौर का चुनाव सम्पन्न हुआ। जिसमें आम आदमी पार्टी ने महापौर और उप महापौर पद पर अपना कब्जा जमाया। महापौर  पद पर आम आदमी पार्टी उम्मीदवार शैली ओबरॉय और उपमहापौर के पद पर आले मोहम्मद इक़बाल ने जीत दर्ज की। महापौर पद के लिए हुए चुनाव में  कुल 266 वोट पड़े। शैली ओबेराय को 150 और भाजपा उम्मीदवार रेखा गुप्ता को 116 वोट मिले। डिप्टी मेयर के चुनाव में कुल 265 वोट पड़े। आप प्रत्याशी आले मोहम्मद को 147 वोट मिले। उपमहापौर पद के लिए हुए चुनाव में क्रॉस वोटिंग भी हुई। इस चुनाव के लिए सांसद गौतम गंभीर, मंदीप सिंह, अरिबा खान, नजिया दानिश, शगुफ्ता चौधरी, नाजिया खातुन, सबिला बेगम व सबीर अहमद ने वोट नहीं डाले। यह  आप प्रत्याशी आले मोहम्मद इकबाल को 147 और भाजपा प्रत्याशी कमल बागड़ी को 116 वोट मिले।
क्रोस वोटिंग हुई
ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि महापौर के चुनाव में आप के 1 और डिप्टी मेयर के चुनाव में दो निगम पार्षदों ने भारतीय जनता पार्टी  के पक्ष में क्रोस वोटिंग की है। हालांकि बीजेपी का दावा है कि आम आदमी पार्टी के 3 पार्षदों ने बीजेपी को वोट दिए हैं।
कांग्रेस ने मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया था, इसकी वजह से कांग्रेस के 9 में से 8 पार्षदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। बताया जा रहा है कि कोग्रेस की आया नगर से पार्षद शीतल ने अपना वोट बीजेपी को दिया है। वहीं एक मात्र निर्दलीय पार्षद ने भी बीजेपी के पक्ष में मतदान किया है। वहीं बीजेपी के एक शीर्ष नेता ने दावा किया कि कांग्रेस व निर्दलीय पार्षदों ने नहीं बल्कि आप के तीन पार्षदों ने बीजेपी के पक्ष में वोट डाले हैं।
क्रोस वोटिंग की वजह से बीजेपी को अपने पार्षदों की संख्या के मुकाबले मेयर के चुनाव में 3 और डिप्टी मेयर के चुनाव में 4 वोट ज्यादा मिले हैं। इनमें 2 आप, 1 कांग्रेस और 1 निर्दलीय पार्षद शामिल हैं।
गौरतलब है कि आंकड़ों में आप के पास कुल 151 वोट थे। इनमें पार्टी के 135 पार्षद, 13 विधायक और 3 राज्यसभा सांसद शामिल हैं। जबकि बीजेपी के पास कुल 113 वोट थे। इनमें 105 पार्षद, 7 सांसद और एक विधायक शामिल हैं।
जबकि आम आदमी पार्टी की मेयर प्रत्याशी शैली ओबरॉय को 151 के मुकाबले 150 वोट 1 वोट कम मिले और डिप्टी मेयर के चुनाव में 147 वोट 2 वोट कम मिले। वहीं बीजेपी की मेयर उम्मीदवार रेखा गुप्ता को 113 के मुकाबले 116 वोट यानी 3 वोट ज्यादा व डिप्टी मेयर के चुनाव में 116 वोट यानी 4 वोट ज्यादा हासिल हुए। क्योंकि डिप्टी मेयर के चुनाव में बीजेपी सांसद गौतम गंभीर वोट नहीं डाल सके।
लंबा इंतेजार करना पड़ा
शैली ओबरॉय को मेयर बनने के लिए 84 दिनों का इंतजार करना पड़ा है. इसकी वजह यह है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे 7 दिसंबर 2022 को आए हैं, जिसमें आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. एमसीडी सदन में मेयर चुनाव के लिए तीन बार बैठक हुई और तीनों बार बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के हंगामे के चलते मेयर का चुनाव नहीं हो सका. ऐसे में चौथी बार बुधवार को 84 दिन के बाद सदन की बैठक हुई, जिसमें शैली ओबेरॉय मेयर चुनी गई हैं.
38 दिन ही मेयर रहेंगी
शैली ओबेरॉय भले ही बड़ी मशक्कत और सुप्रीम कोर्ट के हस्ताक्षेप के बाद मेयर चुन ली गई हैं, लेकिन अपने पद पर सिर्फ 38 दिन ही रहेंगी। अगर आप ये सोच रहे हैं कि ऐसा क्यों होगा तो इसके लिए एमसीडी एक्ट को जानना जरूरी है, जिसमें एक अप्रैल से 31 मार्च तक के लिए ही मेयर चुन जाता है। डीएमसी एक्ट की धारा दो (67) के अनुसार एमसीडी का वर्ष अप्रैल माह के प्रथम दिन से शुरू होता है। इस तरह  अगले साल 31 मार्च को वर्ष समाप्त हो जाता है। इस लिहाज से 22 फरवरी को शैली ओबेरॉय मेयर चुनी गई हैं, जिनका कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो जाएगा। इस तरह से वह सिर्फ 38 दिनों तक ही मेयर पद पर रहकर काम-काम कर सकेंगी। इसके बाद दोबारा से एक अप्रैल को मेयर का चुनाव होगा।
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