कैंसर दिवस पर धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने कैंसर की जंग जीतने वाले लोगों को किया सम्मानित 

नई दिल्ली। कैंसर एक ऐसी घातक बीमारी है, जिसको लेकर आज पूरी दुनिया में चुनौतीपूर्ण स्थिति बनी हुई है। कैंसर से जंग जीतने के लिए वैज्ञानिक एवं डॉक्टरों के साथ कैंसर पीड़ित भी संघर्ष कर रहे हैं। जहां वैज्ञानिक इसको लेकर नए-नए शोध कर रहे हैं और डॉक्टर मरीजों की जान बचाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं, वहीं इस स्थिति को झेलते हुए कैंसर के मरीज किस प्रकार की मानसिक स्थिति से गुजरते हैं और जीत हासिल करते हैं, यह आज समाज के सामने रखना अत्यंत आवश्यक है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार कैंसर की घटनाओं की रिपोर्ट में यदि इसी प्रकार वृद्धि जारी रही तो 2040 तक कैंसर से दुनिया भर में मौतों की संख्या 16.3 मिलियन से ज्यादा हो जाएगी। भारत में कैंसर के मामले में 4 साल में 10% की बढ़ोतरी हुई है। इस तरह यह आंकड़ा 2025 तक 15.7 लाख तक पहुंच सकता है।


कई सारे कैंसर पीड़ित जिंदगी की जंग हार जाते हैं तो उन्हीं में से कई ऐसे भी होते हैं जो इस जंग में लड़ते हुए आशा की एक नई किरण तलाशते हैं और अंततः इस लड़ाई को जीत जाते हैं। इसी को लेकर कैंसर दिवस के अवसर पर धरमशिला नारायण सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल दिल्ली के तरफ से कैंसर को मात देने वाले उन महान लोगों के जज्बे को सम्मानित करने हेतु “सुपर पावर ऑफ सर्वाइवर” कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन दिल्ली के वसुंधरा एन्क्लेव में धर्मशीला नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में आयोजित किया गया। इसमें नारायणा हेल्थ के रीजनल डायरेक्टर, कमांडर नवनीत बाली व कैंसर सर्वाइवर सहित कई गणमान्य लोग भी उपस्थित रहें। इस कार्यक्रम में लैंप लाइटिंग, सरस्वती वंदना, जागरूकता हेतु नुक्कड़ नाटक व कैंसर सर्वाइवर की यात्रा को लेकर उनके अनुभवों को साझा करने से अन्य लोगों को प्रेरणा मिलेगी।


कमांडर नवनीत बाली, रीजनल डायरेक्टर, नारायणा हेल्थ – नॉर्थ ने बताया कि कैंसर बहुत ही घातक बीमारी है और यदि इसे समय रहते इलाज के माध्यम से समाप्त नहीं किया गया तो यही मृत्यु का कारण भी बन सकता है। समय रहते इलाज करने से बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकता है। एडवांस स्टेज का कैंसर भी टारगेटेड थेरेपी या इम्यूनोथेरेपी से ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि भारत में होने वाले छह मुख्य कैंसर में स्तन कैंसर, मुंह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, पेट का कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर शामिल है। कैंसर का उपचार यदि प्रारंभिक चरण में ही शुरू कर दिया जाए तो कैंसर रोगी को इलाज में ज्यादा परेशानी नहीं आती और रोगी को जल्द से जल्द राहत मिल जाती है। अपेक्षाकृत उन रोगियो के जिसने अपना इलाज कराने में देरी की हो। कैंसर दिवस पर हम लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ कैंसर की जंग जीतने वाले लोगों के अनुभव को सुनेंगे और उनसे प्रेरणा लेंगे।

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