एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ ने एजुकेशन सेक्टर में व्यापक बदलावों के लिए ग्राउंड-ब्रेकिंग एक्सपेरिमेंटल माइक्रोक्रेडेंशियल को लॉन्च किया
नई दिल्ली। एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ ने भारतीय और वैश्विक एजुकेशन सेक्टर में व्यापक बदलावों के लिए अपनी नए एक्सपेरिमेंटल माइक्रोक्रेडेंशियल्स (एक्सपीएमसी) को लॉन्च किया। आज नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, इनोवेटिव एजुकेशन प्रोवाइडर एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ ने औपचारिक रूप से अपने नए इनोवेशंस को जारी किया। इस नई शुरूआत के साथ स्टूडेंट्स को छोटे–छोटे ग्रुप में प्रोफेशनल काम के माहौल का प्रत्यक्ष अनुभव देकर, इंडस्ट्री–एलाइंड क्रेडेंशियल के साथ, एक्सपीएमसी शिक्षा और प्रशिक्षण परिदृश्य को बदल देंगे, जिससे युवाओं को वैश्विक कार्यस्थल के लिए खुद को तैयार करने का तरीका बदल जाएगा।
एक्सपीएमसी, इंडस्ट्री के विशेषज्ञों द्वारा प्रदान की जाने वाले दमदार प्रोजेक्ट्स हैं। स्टूडेंट्स को प्रोजेक्ट मैनेजर्स द्वारा सपोर्ट किया जाता है जो यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रोफेशनल काम एक सुरक्षित वातावरण में किया जाता है। छात्रों को व्यक्तिगत ताकत की पहचान करने और पांच प्रमुख डिजिटल अर्थव्यवस्था क्षमताओं को विकसित करने के लिए प्रोफेशनल सलाह भी मिलती है जैसे कि ग्रोथ माइंडसेट, करियर इंटेलिजेंस, डिजिटल इंटेलिजेंस, कल्चरल इंटेलिजेंस और इम्पैक्ट यानि प्रभाव।
यह देखते हुए कि ऑटोमेशन से भारत (विश्व बैंक रिपोर्ट) में 69 प्रतिशत नौकरियों को खतरा है और भारत के डिजिटल कुशल कार्यबल को 2025 तक (अमेज़ॅन वेब सेवाओं) 9 गुना बढ़ने की आवश्यकता है। इन सब के चलते समाधान की आवश्यकता को लेकर कोई संदेह नहीं है। एक्सपीएमसी को भारतीय संस्थानों के औपचारिक शिक्षा पाठ्यक्रम में आसानी से जोड़ा जा सकता है और छात्रों को वर्कप्लेस के लिए तैयार किया जा सकता है। देश भर में छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए 150,000 से अधिक छात्रों वाले 60 से अधिक संस्थान एक्सपीएमसी को अपनाने के लिए तैयार हैं।
एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ, एजुकेशन और ट्रेनिंग सेक्टर में तेजी से विस्तार करने वाला प्रोवाइडर है, जो सिंगापुर में रजिस्टर्ड है और इसका मुख्यालय लंदन में है, इसके ऑफिस भारत और ऑस्ट्रेलिया में भी हैं। तेजी से बदलती टेक्नोलॉजीज और रोजगार आवश्यकताओं की दुनिया में “फ्यूचर ऑफ वर्क“ पर केंद्रित, एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ छात्रों, ग्रेजुएट्स और प्रोफेशनल्स को कार्यस्थलों के लिए खुद को टॉप चरम पर रखने के लिए अत्याधुनिक और सुविधाजनक सॉल्यूशंस प्रदान करता है।
एक्सपीएमसी उत्पाद के लिए स्ट्रेटजिक पार्टनर फेडरेशन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया है, और एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ अपने वाइस चांसलर और प्रेसिडेंट, प्रोफेसर डंकन बेंटले, और कैरोलिन चोंग, डिप्टी वाइस चांसलर (ग्लोबल एंड एंगेजमेंट), फेडरेशन यूनिवर्सिटी की उपस्थिति में अपने इस प्रोजेक्ट को लॉन्च करते हुए बेहद प्रसन्न है।
इस पार्टनरशिप के माध्यम से फेडरेशन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया एक्सपीएमसी और एसोसिएटेड टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम्स को मान्यता प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त, यह सहयोग योग्य छात्रों को विक्टोरिया स्टेट के बलारट में फेडरेशन के कैम्पस में स्थित आईबीएम इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज हब के भीतर कई प्रोजेक्ट्स पर काम करने के लिए जाने और विस्तार से काम करने के कई सारे अवसर प्रदान करेगा।
माइक्रोक्रेडेंशियल प्रोग्राम, को उनके वाइस चांसलर और प्रेसिडेंट, प्रोफेसर डंकन बेंटले, और कैरोलिन चोंग, डिप्टी वाइस चांसलर (ग्लोबल एंड एंगेजमेंट), फेडरेशन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया की उपस्थिति में भारत के पार्टनर्स के लिए प्रस्तुत किया गया।
एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ दुनिया भर में एक्सपेरिमेंटल माइक्रोक्रेडेंशियल्स में अग्रणी है। कंपनी के ये नए एक्सपीएमसीज पूरी तरह से भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रस्तावित राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचे के अनुरूप हैं।
इन माइक्रोक्रेडेंशियल्स को अधिकतम मूल्य सुनिश्चित करने के लिए चल रहे इंडस्ट्री सहयोग के साथ बनाया गया है, भागीदारों ने साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल फाइनेंस, प्रोडक्ट मैनेजमेंट, एआई, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, सप्लाई चेन और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग में शुरुआती एक्सपीएमसीज लॉन्च किए हैं। भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करने वाले विषयों को एक्सपेरिमेंटल लर्निंग और बीस्पोक प्रमाणिकता के लाभों के साथ जोड़कर, रोजगार योग्यता बढ़ाने वाला बनाया गया है। इसके साथ ही ये प्रशिक्षण और योग्यता में बदलाव लाएगा, साथ ही कॉर्पाेरेट भागीदारों के लिए मानव संसाधन प्रबंधन को दोबारा बदल देगा।
प्रोफेसर डंकन बेंटले, वाइस–चांसलर और प्रेसिडेंट, फेडरेशन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि “ऑस्ट्रेलिया के लिए पहली बार, विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त सहकारी शिक्षा मॉडल 2025 से सभी फेडरेशन कार्यक्रमों में एम्बेड किया जाएगा। इसलिए, हमें इस रणनीतिक सहभागिता में प्रवेश करने में खुशी हो रही है। एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ के साथ साझेदारी एक वैश्विक कोऑपेरेटिव इकोसिस्टम बनाने के उनके मिशन का समर्थन करती है, जो शिक्षकों, इम्पॉयलर्स और लर्नर्स को एक साथ लाएगी ताकि डिजिटल रूप से समझदार प्रतिभा का निर्माण करने में मदद मिल सके जिसकी वैश्विक अर्थव्यवस्था को जरूरत है। भारत के साथ हमारा पुराना संबंध है और हम दुनिया की “स्किल कैपिटल“ बनने के इसके विजन को साकार करने में अपनी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार और तत्पर हैं।“
इसके अलावा, ये पार्टनरशिप, पात्र स्टूडेंट्स को आईबीएम इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज हब के भीतर और ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी पार्क में प्रोजेक्ट्स पर काम करने का अवसर प्रदान करेगा, जो विक्टोरिया के बलारट में फेडरेशन के कैम्पस में स्थित है।
डॉ. मनीष मल्होत्रा, चेयरमैन, एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ ने कहा कि “5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का भारत का सपना यह सुनिश्चित करने पर टिका है कि इसके युवा उत्पादक और सार्थक रूप से इसमें जुड़ें। एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ, देश के सबसे अग्रगामी शिक्षा संस्थानों और उद्यमियों, शिक्षकों और नियोक्ताओं के अपने वैश्विक नेटवर्क के साथ साझेदारी में काम करते हुए, छात्रों को अपने देश को उस लक्ष्य की ओर ले जाने के लिए सशक्त बनाना चाहता है।“
सुप्रियो चौधरी, सीईओ, एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ ने कहा कि “एम्प्लॉयबिलिटी.लाइफ शिक्षा में नए अनुभव लाता है और उच्च शिक्षा संस्थानों को प्रोजेक्ट–आधारित शिक्षा, स्टूडेंट्स के साथ संपूर्ण जुड़ाव और उनके विकास के लिए एक संपूर्ण व्यक्ति दृष्टिकोण के साथ बदलता है। हम एजाइल को शिक्षा में ला रहे हैं, काम के भविष्य और उच्च शिक्षा के भविष्य के बीच कनर्वजेंस के लिए सक्षम कर रहे है।