उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल को लिखा पत्र 

नई दिल्ली। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखा है। डीईआरसी के वर्तमान अध्यक्ष का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्र में कहा है कि डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति को तत्काल मंजूरी देने के लिए एलजी से अनुरोध किया है। एलजी से फाइल सीधे अधिकारियों को नहीं भेजने का आग्रह किया है। क्योंकि यह संविधान और विभिन्न एससी निर्णयों के खिलाफ है। सीएम ने डीईआरसी अध्यक्ष के रूप में मप्र उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त राजीव श्रीवास्तव की नियुक्ति को मंजूरी दी। मुझे कोई कारण नजर नहीं आता कि आप मंत्रिपरिषद के निर्णय से क्यों असहमत होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि अनुच्छेद 239ए ए (4) के प्रावधान का शायद ही कभी इस्तेमाल किया जाना चाहिए।पिछले कुछ दिनों में तीन मौके ऐसे आए जब आपने सीएम और मंत्री को दरकिनार कर सीधे अधिकारियों को फाइल भेजकर अपने फैसले पर अमल करवाया। क्योंकि अधिनियम में प्रशासक, एलजी लिखा है तो निर्वाचित सरकार को दरकिनार करने का तरीका कानूनी रूप से गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एलजी मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से बाध्य हैं, इसलिए कृपया अधिसूचना जारी करने के लिए सीधे अधिकारियों को फाइल न भेजें।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 4 जनवरी 2023 को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त राजीव श्रीवास्तव को न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त शबीबुल हसनैन के स्थान पर डीईआरसी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी थी। मप्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने भी विद्युत अधिनियम के तहत आवश्यकतानुसार अपनी सहमति दे दी है। मुख्यमंत्री ने उसी दिन इस मामले को एलजी के पास यह तय करने के लिए भेजा कि क्या वे मंत्रिपरिषद के निर्णय से अलग मत रखते हैं और क्या वे संविधान के अनुच्छेद 239ए ए(4) के प्रावधान को लागू करना चाहेंगे।
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