सौर ऊर्जा खपत में अग्रणी बनेगा दिल्ली  

-सरकार ने दी नई ड्राफ्ट सोलर-पॉलिसी को हरी झंडी

नई दिल्ली। दिल्ली को सौर ऊर्जा खपत में भारत का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सरकार ने राजधानी की नई सोलर-पॉलिसी के मसौदे को हरी झंडी दी। दिल्ली सोलर-पॉलिसी 2022 के मसौदे का उद्देश्य 2025 तक 6000 मेगावाट स्थापित सौर क्षमता का लक्ष्य स्थापित करना है। ताकि अगले 3 सालों में दिल्ली की वार्षिक बिजली मांग में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत की जा सके, जो देश में सबसे ज्यादा होगी। गुरुवार को पॉलिसी ड्राफ्ट को उपमुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने के बाद अब स्टेकहोल्डर्स की टिप्पणियों के लिए नीति को 30 दिनों के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा जाएगा। इसके बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट के पटल पर रखा जाएगा।
इस नीति के विषय में साझा करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि नई सोलर-पॉलिसी दिल्ली में आवासीय और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (जीबीआई) और पूंजीगत सब्सिडी के माध्यम से कई तरह के लाभ प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इस नीति के साथ, हमारा उद्देश्य दिल्ली को न केवल भारत बल्कि दुनिया में सौर ऊर्जा खपत के क्षेत्र  में अग्रणी बनाना है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की नई सोलर-पॉलिसी 2022-उद्योगों, उपभोक्ताओं, सरकारी संस्थाओं, वित्तीय संस्थानों और स्वच्छ ऊर्जा थिंक टैंक के साथ व्यापक हितधारक परामर्श के बाद दिल्ली संवाद और विकास आयोग (डीडीसीडी) द्वारा तैयार किया गया है। इस पॉलिसी का उद्देश्य क्लीन एनर्जी के रूप में सौर ऊर्जा की खपत बढाने के साथ दिल्ली में 12,000 से अधिक हरित रोजगार सृजित करना भी है।
सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली में अब 500 वर्ग मीटर या उससे ज्यादा रूफटॉप एरिया वाली राज्य सरकार की सभी संपत्तियों पर सोलर प्लांट लगाना अनिवार्य है। इसे चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा और इस नीति की परिचालन अवधि 3 साल के भीतर पूरा किया जाएगा।
बॉक्स
उपभोक्ताओं को मिलेंगे कई तरह के प्रोत्साहन
नीति के लाभों को साझा करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि नीति का उद्देश्य दिल्ली सोलर सेल द्वारा एक इंटीग्रेटेड सिंगल-विंडो स्टेट स्टेट पोर्टल बनाना है जो सौर पीवी सिस्टम, प्रक्रिया से संबंधित दिशानिर्देशों आदि  के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार विभिन्न प्रोत्साहन भी प्रदान करेगी जैसे उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन और पूंजीगत सब्सिडी। इससे देश में पहली बार उपभोक्ताओं को कम्युनिटी सोलर और पीयर-टू-पीयर ट्रेडिंग का अवसर भी मिलेगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.