निगम चुनावों की आहट पर केजरीवाल को याद आयी लैंडफिल साइट: पूर्व महापौर

नई दिल्ली। पूर्व महापौर जय प्रकाश ने गुरूवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक मौका परस्त आदमी है उन्हें देश में कहीं भी चुनाव दिखते हैं तो वो वहाँ की जनता को झाँसा देने पहुँच जाते है। अब केजरीवाल को दिल्ली की लैंडफिल साईट नज़र आई है जिसे वो अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं। जय प्रकाश ने बताया कि गत दिनों एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर 900 करोड़ रुपये का जुर्माना सिर्फ़ इसलिए लगाया क्योंकि केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने दिल्ली नगर निगम को लैंडफिल साईट के निस्तारण के लिए फंड नहीं दिया। केजरीवाल को दिल्ली की लैंडफिल साईट तब नज़र आती है जब उसे अपनी राजनीति महत्वकांक्षाओं को पूरा करना होता है।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में कूड़े के पहाड़ को हटाने के लिए भारत सरकार और दिल्ली नगर निगम कड़े प्रयास कर रही हैं। लैंडफिल साइट पर कूड़े को खत्म करने के लिए भारत सरकार ने ट्रोमेल मशीनों के लिए फंड उपलब्ध करवाया है जिसे सभी लैंडफिल साईटो पर दिन रात 45 ट्रोमेल मशीने कार्य कर रही है और दिल्ली नगर निगम ने तीनों लैंडफिल साइटों से 77 लाख मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण किया है और लगभग 30 मीटर तक ऊँचा को कम किया है, विभिन्न हितधारकों द्वारा 21000 मीट्रिक टन इनर्ट एवं सी एवं डी कचरा निशुल्क उठाया गया है। सीमेंट उद्योग द्वारा प्रतिदिन 100 मीट्रिक टन आरडीएफ उठाया जा रहा है।

जय प्रकाश ने बताया कि दिल्ली को कूड़ा मुक्त बनाने के लिए और कूड़े के प्रबंधन की दिशा में दिल्ली नगर निगम द्वारा 482 ढलावों को बंद कर दिया गया है और इनके स्थान पर लाइब्रेरी व मनोरंजन केंद्र बनाने का कार्य किया जा रहा है। दिल्ली नगर निगम के 14000 ऑटो टिप्परों से घर घर से कूड़ा उठाया जा रहा है। दिल्ली सरकार कूड़े पर सियासत तो करती है लेकिन कूड़ा प्रबंधन के लिए दिल्ली निगम निगम को पैसे नहीं देती। तेहखंड स्थित वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र के उदघाटन के साथ ही निगम की कचरा निस्तारण की क्षमता 8250 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो जायेगी जोकि दिल्ली से प्रतिदिन निकलने वी कूड़े का 75% है। निकट भविष्य में 175 मीट्रिक टन क्षमता के एमआरएफ स्थापित होने बाद निगम की कचरा निस्तारण की क्षमता का संवर्धन होगा। निगम लगातार कचरा उत्पादन एवं कचरा निष्पादन की खाई को पाटने की दिशा में कार्य कर रहा है।

श्री जय प्रकाश ने बताया कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार की ज़िम्मेदारी है की दिल्ली नगर निगम को शहर में सफ़ाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए फंड उपलब्ध करवाए मगर केजरीवाल सरकार सिर्फ़ और सिर्फ़ राजनीति महत्वकांक्षाओं को सर्वोपरी रखती है। केजरीवाल जहां चुनाव होते हैं वहीं दिखाई देते हैं कुछ दिनों बाद वो गुजरात में दिखाई देंगे और फिर हिमाचल प्रदेश में फिर हो सकता है उन्हें दिल्ली के नागरिकों की याद आ जाए।

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