ड्यूटी के बदले महिला पुलिसकर्मियों से शारीरिक संबंध बनाने की मांग

नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली के फतेहपुर बेरी थाने में तैनात महिला पुलिसकर्मियों के साथ नस्लभेदी और यौन शोषण का मामला सामने आया है। महिला पुलिसकर्मियों ने दिल्ली पुलिस आयुक्त और पुलिस उपायुक्त विजिलेंस को शिकायत दी है। महिला पुलिसकमियों ने थाने के मुंशी (ड्यूटी ऑफिसर) पर यौन शोषण और नस्लभेदी टिप्पणी करने के आरोप लगाए हैं। महिला पुलिसकर्मियों का कहना है कि चिठ्ठा मुंशी उन्हें ड्यूटी पर तैनाती के बदले शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहता है। पुलिस आयुक्त से आरोपी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की गुहार लगाई गई है। शिकायत मिलने के बाद कई स्तर पर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
महिला स्टाफ का कहना है हेड कांस्टेबल मुंशी थाने में ड्यूटी लगाने के नाम पर न केवल उनसे पैसे और महंगे गिफ्ट मांगता है। बल्कि उनसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहता है। हेड कांस्टेबल ने कई महिला पुलिसकर्मियों के साथ इस तरह का व्यवहार किया है। थाने में काम करने को लेकर भी नस्लभेदी टिप्पणी की जाती है। वह थाना चलाने के लिए महिला स्टाफ की जरूरत नहीं होने की बात कहता है। ड्यूटी के दौरान थाना परिसर में ही ड्रिंक पीने के बाद महिला स्टाफ को गालियां देता है। लगातार प्रताड़ित होने के चलते थाने की सभी महिला स्टाफ ने पुलिस आयुक्त, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विजिलेंस, पुलिस उपायुक्त विजिलेंस, पुलिस उपायुक्त दक्षिणी जिला सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी शिकायत दी है।
पुलिस आयुक्त के आदेशों की अवहेलना
महिला स्टाफ ने आरोप लगाए कि एसएचओ ने मुंशी की तैनाती करते हुए पुलिस आयुक्त के आदेशों की अवहेलना की है। पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने अपने कार्याकाल में एक आदेश जारी किया था। जिसके तहत किसी भी थाने में मुंशी का काम एएसआई या फिर उससे ऊपर की रैंक का अधिकारी ही देखेगा। इसके अलावा एक पुलिसकर्मी छह माह से ज्यादा मुंशी की ड्यूटी नहीं करेगा। फतेहपुर बेरी थाने में मुंशी का काम हेडकांस्टेबल रैंक के पुलिसकर्मी को दिया गया है और वह लंबे समय से इस पद पर तैनात रहा।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मामले की शिकायत मिली है। शिकायत को गंभीरता से लिया जा रहा है। इसकी प्राथमिकता के साथ जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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