नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते डेंगू के मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में 15 फीसदी तक बेड आरक्षित करने का निर्णय लिया है। साथ ही कहा है कि कोविड के मरीजों के लिए आरक्षित बेड पर जरूरत के आधार पर डेंगू व इसने संबंधित मरीजों को उपचार किया जाए। दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा डेंगू की मौजूदा स्थिति का संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिया गया है। सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों/नर्सिंग होम को कहा है कि डेंगू , बुखार या किसी अन्य वेक्टर जनित बीमारी से पीड़ित किसी भी मरीज को अस्पताल में बिस्तरों की कमी के कारण प्रवेश से वंचित न किया जाए। अस्पताल अपने यहां कुल बिस्तर 15 फीसदी तक बेड इनके लिए आरक्षित रखे। साथ ही कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने के लिए आरक्षित खाली बेड का इस्तेमाल जरूरत के आधार पर इन मरीजों के लिए किया जाए।
इस संबंध में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मौजूदा मौसम में डेंगू और अन्य वेक्टर जनित बीमारियां के फैलने की आशंका काफी अधिक होती है साथ ही पिछले दो हफ्तों में इन मामलों में वृद्धि देखी गई है, लेकिन लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, अस्पतालों में मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए सरकार ने सभी इंतजाम पुरे कर लिए गए हैं। सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है।
बॉक्स
कोविड के लिए 8.8 हजार बेड आरक्षित
कोरोना मरीजों के लिए करीब 8800 बेड्स आरक्षित किए गए हैं। इनमें एक फीसदी से भी कम पर मरीज भर्ती हैं। ऐसे में खाली बेड का इस्तेमाल अन्य मरीजों के लिए हो सकता है।
बॉक्स
डेंगू से निपटने के लिए विभाग तैयार
मनीष सिसोदिया से डेंगू व अन्य समस्याओं से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। साथ ही अस्पतालों और संबंधित अधिकारियों को डेंगू के मामलों से निपटने व बेहतर रणनीति बनाने में मदद करने के लिए एकीकृत पोर्टल पर मामलों के विवरण को लगातार अपडेट करने का निर्देश दिया गया है।